पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरूवार को सिंचाई भवन स्थित अधिवेशन भवन में मद्य निषेध दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि वादा किया था कि अगली बार उनकी सरकार आएगी तो राज्य में शराबबंदी लागू करेगी।
उन्होंने कहा कि सरकार अपने वादे को पूरा करने के लिए कृत संकल्प है। इस संबंध में मुख्य सचिव एवं प्रधान सचिव उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग को मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि नई नीति बनाने के लिए कार्य प्रारंभ करे ताकि 1 अप्रैल 2016 से नई नीति लागू की जा सके।
उन्होंने कहा कि शराब की लत से कम आय वर्ग के लोगों को सबसे ज्यादा नुकसान होता है। उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव तो पड़ता ही है उनके परिवार के विकास पर, बच्चों की शिक्षा पर भी इसका बुरा असर होता है।
उन्होंने कहा कि इससे परिवार में अशांति भी पैदा होती है। परिवार में नशा की लत के कारण महिलाए सबसे ज्यादा परेशान होती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का यह प्रयास होगा कि नशा सेवन के कारण तबाह परिवारों में खुशी लौटे, उन परिवारों की आमदनी का पैसा शिक्षा पर खर्च हो, पोषणयुक्त भोजन पर खर्च हो, न कि नशा सेवन पर।
उन्होंने कहा कि परिवार की महिलाओं को भी शराबबंदी से खुशी मिलेगी और परिवार का विकास तेजी से होगा। उन्होंने कहा कि शराबबंदी की दिशा में स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं ने काफी अच्छी पहल की है। इसके कारण इस दिशा में वातावरण का निर्माण हो रहा है। यह जारी रहना चाहिए ताकि नई नीति के साथ-साथ महिलाओं के समन्वित प्रयास से नशा मुक्ति का लक्ष्य हासिल किया जा सके।
नीतीश कुमार ने कहा कि केन्द्र प्रायोजित योजनओं में राज्यांश में बढ़ोत्तरी हुई है तथा केन्द्रांश घटा है, इससे राज्य पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। आई.सी.डी.एस., सर्व शिक्षा अभियान जैसे मुख्य कार्यक्रम को भी लागू किया जाना है। सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट आई है, केन्द्र सरकार के बाद राज्य में इसे लागू करने पर भी आर्थिक बोझ बढे़गा।
उत्पाद विभाग से अभी लगभग चार हजार करोड़ की आय होती है परन्तु जनहित में, गरीबों के हित में, महिलाओं के हित में इन सबके बावजूद सरकार नशा मुक्ति पर नई नीति अप्रैल 2016 में लायेगी ताकि गरीब परिवारो में खुशी लौट सके और उनका विकास तेज हो सके।
समारोह में स्वयं सहायता समूह की सदस्या आशा देवी (चैथम, खगड़िया) एवं रीता देवी (खिजरसराय, गया) ने शराबबंदी के लिये अपने क्षेत्र में किये गये कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि दस लाख स्वयं सहायता समूहों का गठन राज्य में होगा। उन्होंने प्रधान सचिव उत्पाद विभाग को निर्देश दिया कि नशाबंदी के खिलाफ कारगर अभियान चलाने एवं गाॅव, कस्बे में नशा मुक्ति लागू कराने वाली स्वयं सहायता समूह को पुरस्कृत भी करें।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अधिवेशन भवन में लगाये गये एक कला प्रदर्शनी का भी निरीक्षण किया। इस प्रदर्शनी में चित्रों के माध्यम से तथा मूर्ति कला के माध्यम से नशा के कुप्रभावों एवं इससे बचाव के विषय वस्तु को दर्शाया गया था।
समारोह में पेंटिंग, अप्लाइड आर्ट, टेराकोटा और ग्राफिक विभाग के चयनित प्रतिभागियों को भी मुख्यमंत्री द्वारा चेक प्रदान कर पुरस्कृत किया गया। पुरस्कृत होने वाले प्रतिभागियों में नीरज कुमार शर्मा, विश्वेन्द्र नारायण सिंह, आकाश कुमार, गौरव कुमार, नकुल कुमार, निखिल दयाल, सुनीता कुमारी तथा शुभम कृष्ण शामिल हैं।
समारोह मेें मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, सदस्य राजस्व पर्षद आनंद वर्द्धन सिन्हा, प्रधान सचिव उत्पाद एवं मद्य निषेध के.के. पाठक, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चन्द्रा, उत्पाद आयुक्त कुॅवर जंग बहादुर, प्रबंध निदेशक बिहार राज्य बिवरेज काॅरपोरेशन अश्विनी दत्तात्रेय सहित विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्रायें, कला एवं शिल्प महाविद्यालय के कलाकार भी मौजूद थे।