उदयपुर। राष्ट्रसंत प्रवर्तक रुपमुनि ने कहा कि संत का आना और जाना एक यादगार घटना होती है इसको दुर्घटना में तब्दिल होने मत देना। संत के जाने का पंत तो होता है लेकिन संत पंत एवं वाद का झंझट नहीं करता।
गुरु रुप-सुकन मुनि के यशस्वी वर्षावास के स्वर्णीम प्रथम विहार गुरुवार को पंचायती नोहरे से प्रात: आठ बजे शुभ वेला में चतुर्विद संघ के साथ प्रारंभ हुआ। पंचायती नोहरे से विहार कर सर्वऋतु विलास स्थित नांदेश्मा वाले संजय-लता भण्डारी परिवार के यहां पहुंचे जहां पर सर्वऋतु विलास पार्क में धर्मसभा का आयोजन हुआ।
श्रमण संघ के वरिष्ठ प्रवर्तक रुपमुनि ने कहा कि संघ, समाज और राष्ट्र में शांति सद्भावना की वीणा बजती रहे ऐसी बांसुरी लेकर संत गली-गली, ढाणी-ढाणी, गांव-गांव घूमता है इसलिए संत का आना भी शुभ और जाना भी शुभ है।
उपप्रवर्तक सुकन मुनि ने कहा कि संत भाव और भक्ति का भूखा होता है। भाव और भक्ति शुद्ध होगी तो शक्ति का स्वत: ही निरूपण हो जाएगा। कवि प्रवक्ता अमरेश मुनि निराला ने कहा कि मेवाड़ धरा की आन-बान-शान की परम्परा को नजदीक से देखने एवं महसूस करने का जो अवसर मिला तो हम निश्चित तौर पर यह कह सकते है कि यह भक्ति एवं शक्ति की धरा यों ही इतिहास में नहीं लाई जाती। हम सम्पूर्ण मेवाड़ के लिए उन्नति एवं विकास की कामना करते है।
श्री वर्धमान स्थानकवासी श्रावक संघ की ओर से संजय-लता भण्डारी का पगड़ी, शॉल, माला से बहुमान किया गया।
भण्डारी परिवार की ओर से भी संघ अध्यक्ष विरेन्द्र डांगी, ज्योतिषाचार्य कांतिलाल जैन, अनिल पुनमिया, पारस सिंघवी, किरणमल सावनसुखा, ओसवाल बड़े साजन सभा के अध्यक्ष दिलीप सुराणा, पुलक मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद फांदोत, हिम्मतसिंह बडाला, कुंतीलाल जैन, रविन्द्र श्रीमाली, आलोक पगारिया का पगड़ी, शॉल, माला से अभिनन्दन किया।
समारोह का सफल संचालन आलोक पगारिया ने किया एवं धन्यवाद लता भण्डारी ने दिया। संघ के मंत्री हिम्मतसिंह बडाला ने बताया कि राष्ट्रसंत आदि ठाणा शुक्रवार सुबह विहार कर हिरणमगर सेक्टर-13 स्थित संघ अध्यक्ष विरेन्द्र-रजनी डांगी के यहां जाएंगे।