जगदलपुर। पिछले कुछ समय में तेजी से शहर में जिस्मफरोशी का करोबार फूल फल रहा है। इस धंधे में शहर की 16 से 35 साल की कई युवतियों को धकेला जा चुका है।
दो दिन पहले जिस्मफरोशी के शक में पकड़ी गई युवतियों पर पुलिस ने प्रतिबंधात्क कार्यवाही तो कर दी गई, लेकिन देश शाम वे जमानत पर रिहा कर दी गई। इस मामले में कोई बड़ा दलाल पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ पाया है।
कारोबार से जुड़े लोगों की माने तो अभी भी इस कारोबार में 16 से 22 वर्ष के उम्र की कई लड़कियां जुड़ रही हैं। इनमें से ज्यादातर गांव व झुग्गियों में रहने वाली लड़कियां हैं।
गरीब लड़कियों की मजबूरी, शहरी का शौक
इनमें से कुछ पारिवारिक मजबूरी तथा गरीबी के कारण यह काम कर रही हैं तो कुछ शहरी लड़कियां अपने शौक पूरा करने के लिए जिस्म का सौंदा कर रही हैं। शहर में कुछ मजबूरी तो कुछ लड़कियां अपने महंगे शौक पूरे करने के लिए जिस्म का कारोबार कर रही हैं।
शहर के कई ऐसे इलाके हैं जहां यह काम खुले आम चल रहा है। केंद्रीय विद्यालय के पीछे, हाउसिंग बोर्ड कोलोनी, खपराभट्टी और वृंदावन कालोनी से इस धंधे के तार जुड़े हुए हैं। शहर में यह कारोबार पिछले 5 सालोंं में तेजी से फला फूला।
चाह कर भी इस धंधे से दूर नहीं जा पा रही
5 साल पहले जो लड़कियां इस धंधे में आई थी उनकी पहचान सेक्स वर्कर के रूप में हो चुकी है इसलिए वे चाह कर भी इस धंधे से दूर नहीं जा पा रही है। कुछ युवतियों को बीमार होने के चलते और ग्राहक को रिझाने के लिए ही बाहर से लड़कियां मंगवाई जा रही हैं।
जिस्मफरोशीके इस तरह के मामलों के लिए भारत में पीटा एक्ट जैसे कई कानून बनाए गए हैं पर इसे भी लागू करने के लिए कुछ मापदंड निर्धारित हैं। यह अधिनियम बड़े शहरों में उन स्थानों पर लागू किया गया हैं जहां ऐसे कई चुनिंदा इलाके हैं। जहां पर जिस्मफरोशी हो रही हैं।
पीटा एक्ट के लिए कोई नोटिफिकेशन नहीं
पीटा एक्ट के लिए राज्य शासन नोटिफिकेशन जारी करता है। बस्तर में इस कानून के प्रयोग के लिए किसी प्रकार को कोई नोटिफिकेशन नहीं निकाला गया है। जबकी प्रदेश के रायपुर व शहर के अन्य बड़े शहरों में ही इस एक्ट का उपयोग पुलिस कर रही है।
इसके अलावा इस तरीके के मामलों में प्रभावी कार्यवाही के लिए विशेष पुलिस अधिकारी भी नियुक्त करना पड़ता है। यह काम राज्य स्तर से किया जाता है। बस्तर में इस दिशा में अब तक कोई विशेष प्रयास नहीं किये जा सके हैं। ऐसे में पुलिस इस तरह के मामलों में सिर्फ प्रतिबंधित कार्यवाही ही कर पाती है।