इलाहाबाद। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने एकता को अपना सूत्र माना है, जिसमें सबसे अहम पहलू यह है कि सभी को एक साथ लेकर चलना ही मूल मंत्र है।
उक्त बातें रविवार को प्रयाग संगीत समिति में आयोजित एक दिवसीय तरूण संगम के उद्घाटन सत्र में सम्बोधित करते हुए अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल के सदस्य इन्द्रेश ने कहीं।
उन्होंने कहा कि प्रोफेलिजियम व माइनकर्ल यानी सिद्धान्तवादी व नैतिकता दोनो में विपरीत दिशाओं से जैसा अन्तर है यह एक दूसरे के विपरीत है। आजकल लोग अनिष्ट वाई पालसी अपनाते है जो पश्चिम का कल्चर है।
फीयर फ्राम गार्ड यानि भगवान से डरो, प्रोफेशन वैलू है, भारतीय वैलू में अन्तर है कि भगवान पर विश्वास करो। ईश्वर उद्धार करता है, सजा देने की पद्धति पश्चिम की है। आप को जानने की आवश्यकता है कि भ्रूण हत्या कहां कितनी होती है।
अमेरिका में 32 प्रतिशत से अधिक कुवारी युवतियां मां बनती है। चीन में 18 प्रतिशत युवतियां मां बनती है। जहां कुवारी युवतिया मां बनती है वहां ही सबसे अधिक भ्रूण हत्याएं हो रही है।
उन्होंने कहा कि प्यार को भोगवाद बनाने का नतीजा पश्चिम की धारणा है। जहां से वैलनटाइनडे जैसी विकृतियां निकलती है। जो पश्चिम से चलकर अब देश में फैलती जा रही है। जिसे रोकने के लिए प्यार को भोगवाद से दूर करने का प्रयास करना अति आवश्यक है। प्यार गलत नहीं है, उसे भोगवाद बनाना गलत है जो पश्चिम का कल्चर है।
हिन्दू संस्कृति पर अपना विचार रखते हुए चन्द्रबली हंस महराज ने बताया कि विश्व के सभी जीवों सहित मानव जाति के कल्याण के लिए पृथ्बी,सूरज का चक्कर काट रही है। सूर्य जीवों के कल्याण के लिए प्रत्येक क्षण हवन कर रहा है, जिससे निकलने वाली ऊर्जा से संसार का कल्याण हो रहा है।
उन्होंने बताया कि सूर्य के हवन से प्रति मिनट 25 करोड़ टन उर्जा हमे प्राप्त हो रही है। लेकिन वहां से पृथ्बी पर पहुंचने वाली ऊर्जा आधे का अरबवा हिस्सा ही है। पृथ्वी उस उर्जा का 45 प्रतिशत ही उपयोग कर पा रही है।
उन्होंने बताने का प्रयास किया कि हिन्दू संस्कृति प्रकृति से उत्तपन्न हुई है। प्रकृति के अनुकूल चलने वाले ही मानव है और जो प्रकृति के विपरीत कर्म कर रहें है वह राक्षस के श्रेणी में आते है। हिन्दू संस्कृति व धर्म से ही अन्य धर्मो का उदगम हुआ है।
इसी कड़ी में लोकसेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो.कृष्ण बिहारी पाण्डेय ने भारत के इतिहास के सम्बन्ध में अपना विचार रखा और कार्यक्रम में अन्त में इन्द्रेश ने इच्छुक तरूणों के मन में उत्पन्न होने वाले सवालों का उत्तर समझाने का प्रयास किया।
कार्यक्रम के प्रथम सत्र में डाक्टर मिलन मुखर्जी ने अध्यक्षता किया। कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल के सदस्य इन्द्रेश और पंण्डित राम शिरोमणि, प्रो. कृष्ण बिहारी पाण्डेय ने दीप प्रज्जवलन करके किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से चन्द्रबली हंस महराज और उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो.कृष्ण बिहारी पाण्डेय, डाॅ. मिलन मुखर्जी, विभाग संचालक पण्डित रामशिरोमणि, विभाग कार्यवाह नागेन्द्र, क्षेत्र शरीरिक प्रमुख गजेन्द्र, जिला कार्यवाह वीरकृष्ण, विभाग प्रचारक मनोज, जिला प्रचारक सर्वेश, जिला प्रचारक अनुराग, संजीव आदि लोग उपस्थित थे।