नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को लोकसभा में असहिष्णुता पर बहस में हिस्सा लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा सांसद साक्षी महाराज, केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली और केंद्र सरकार में मंत्री व पूर्व सेना प्रमुख वी.के. सिंह पर भी निशाना साधा।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कट्टरपंथियों ने दाभोलकर, पनेसर और कलबुर्गी जैसे लोगों को मार डाला, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास इन पर कहने के लिए कुछ भी नहीं है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि पाकिस्तान से गलत चीजें न सीखें।
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री लगातार महात्मा गांधी की तारीफ करते हैं, लेकिन लोकसभा में बीजेपी के सांसद साक्षी महाराज गांधी की हत्या करने वाले नाथू राम गोडसे को हीरो बताते हैं।
एयरफोर्स के जरिए देश की सेवा करने वाले मोहम्मद सरताज के पिता मोहम्मद अखलाक को सिर्फ इसलिए मार दिया जाता है, क्योंकि वह एक मुसलमान थे।
उन्होंने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री लोगों की बात सुनना शुरू करेंगे या अपने लोगों को ऐसी बातें करते देखते रहेंगे? उन्होंने कहा कि जब वह प्रधानमंत्री को सुनते हैं तो लगता है कि उनकी सोच कितनी अलग है।
अतीत में जो हमारे नायक हुए हैं उन्होंने भारत की आवाज सुनी, हमें बात करने का सम्मान दिया। तब हम बातें ही नहीं करते थे, गाते थे। देश की करोड़ों आवाज, यहां तक कि सबसे कमजोर शख्स की आवाज भी काफी संवेदनशीलता के साथ सुनी जाती थी। उन्होंने कहा कि सभी सांसदों ने लोगों के अधिकार की रक्षा की शपथ ली है।
राहुल ने गुजरात मॉडल के जरिए भी मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि गुजरात मॉडल का क्या हुआ, पाटीदारों ने आंदोलन कर दिया। आज हिंदुस्तान में विरोध का मतलब देशद्रोह हो गया है। खुद भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण शौरी ने प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना की है।
उन्होंने केंद्र सरकार में मंत्री वी.के. सिंह पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह लोकसभा में जनरल वी.के. सिंह को नहीं देख पा रहे हैं, जिन्होंने कथित रूप से दलित बच्चों की तुलना कुत्तों से की थी। ऐसा करके उन्होंने सीधे संविधान और मौलिक अधिकार को चुनौती दी है।
राहुल ने कहा कि केंद्र सरकार स्किल इंडिया की बात करती है, लेकिन स्किल से भरे हुए एफटीआईआई के युवा जब एक औसत और सामान्य कलाकार को अध्यक्ष पद देबने का विरोध करते हैं तो उनकी बात नहीं मानी जाती है।
राहुल ने वित्त मंत्री अरुण जेटली पर भी आरोप लगाया। राहुल ने कहा कि जेटली कहते हैं कि छात्रों का विरोध प्रायोजित है। लेकिन सच यह भी है कि देश में बढ़ती असहिष्णुता पर जनता अब जाग चुकी है।