नई दिल्ली। दिल्ली इंटरनेशनल आटर्स फेस्टिवल की शुरूआत मंगलवार को पूरे उत्साह और ऊर्जा के साथ ऎतिहासिक पुराना किला में की गई। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच समारोह का उद्घाटन मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी, भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं सांसद मुरली मनोहर जोशी और संस्कृति मंत्रालय के सचिव रविंद्र सिंह ने संयुक्त रूप से किया। महोत्सव 11 नवंबर तक चलेगा।…
मेनका गांधी ने कहा कि दिल्ली इंटरनेशनल आट्र्स फेस्टिवल में शामिल होना हम सभी के लिए गर्व की बात है। प्रतिभा प्रहलाद एवं उनकी टीम ने अच्छा कार्य किया है और उन्हीं के प्रयासों का परिणाम है कि इस महोत्सव को आज कला के प्रतिष्ठित महोत्सव के रूप में जाना जाता है। समय आ गया है कि भारतीय अपनी संस्कृति और कला पर गर्व करें तथा इस अमूल्य धरोहर को भावी पीढियों तक भी पहुंचाएं।
सांसद मुरली मनोहर जोशी ने आयोजकों के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि संस्कृति के क्षेत्र में किए जाने वाले किसी भी प्रयास को पूरा सहयोग एवं समर्थन प्रदान किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हम सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध समाज हैं। भौतिक खुशी की खोज में हमें अपनी सांस्कृतिक जड़ों को कमजोर नहीं बनाना है। समाज में पड़ी दरार स्पष्ट करती है कि हम हमारी जड़ों से दूर जा रहे हैं, लेकिन हमें ऎसा नहीं करना है और अपनी संस्कृति को सशक्त बनाते हुए इसके करीब बने रहना है।
समारोह में मलेशिया के असवाना नृत्य समूह ने बेहद आकर्षक प्रस्तुति दी। इसके अलावा कजाकिस्तान के उत्तरी प्रांत की प्रसिद्ध लोक नृत्य मंडली “गक्कू ग्रुप” ने भी अपनी प्रस्तुति से सभी को अभिभूत कर दिया। अंत में तुर्की के नर्तकों और संगीतकारों ने शानदार प्रदर्शन दिया।
दिल्ली कला महोत्सव की संस्थापक एवं निदेशक प्रतिभा प्रहलाद ने कहा कि दिल्ली कला महोत्सव दुनिया के प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय कला महोत्सवों के समकक्ष है। मेरा मानना है कि सौन्दर्यशास्त्र को देशों के द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता। हम संस्कृति मंत्रालय के प्रति विशेष रूप से आभारी हैं।
दिल्ली कला महोत्सव के आठवें संस्करण में देश और दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों जैसे लोक, आदिवासी, शास्त्रीय एवं समकालीन कलाओं का प्रदर्शन किया जाएगा। पाकिस्तान, ईरान, अमेरिका, ऑस्ट्रिया, तुर्की, स्पेन, इजरायल, चिली, मलेशिया, हंगरी, चेक गणराज्य, कनाडा, कजाकिस्तान और रूस सहित 14 देशों से कलाकार अपनी-अपनी सांस्कृतिक कलाओं का प्रदर्शन करेंगे।
आईसीसीआर के महानिदेशक सतीश मेहता ने कहा कि आईसीसीआर में हमें खुशी है कि हमें दिल्ली कला महोत्सव के साथ जुड़ने का मौका मिला है। यह महोत्सव न केवल देश में लोकप्रिय है, बल्कि दुनियाभर में एक प्रतिष्ठित सांस्कृतिक समारोह के रूप में अपनी जगह बना चुका है। ऎसे प्रतिष्ठित कार्यक्रम को समर्थन प्रदान करना आईसीसीआर के लिए बड़े गर्व की बात है जो सीमाओं के परे जाकर दुनियाभर से प्रतिभा को आकर्षित करता है।