अजमेर। सात बीघा कृषि भूमि को आवासीय भूमि में रूपातंरण करने के लिये एनओसी जारी करने के बदले में चालीस हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों एसीबी के हत्थे चढे़ वरिष्ठ नगर नियोजन तथा सहायक नगर नियोजन की चलअचल सम्पतियों को भ्रष्टाचार निरोधक अजमेर, टोंक तथा उदयपुर के अधिकारी खंगालने में जुट गयी है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो अजमेर पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी ने बताया कि मंगलवार रात तक चली ट्रेप की कार्यवाही के दौरान रिश्वत के आरोपी टाउन प्लानर राजेश वर्मा व अस्सिेटेंट टाउन प्लानर दीपसिंह के गृह जिलों टोंक के उनियारा तथा उदयपुर स्थित उनके आवास पर टोंक तथा उदयपुर एसीबी ने दबिश देकर उनकी चलअचल सम्पत्ति की जांच शुरू कर दी।
दोनों आरोपियों के घर से लाखों रुपये की चलअचल सम्पत्ति के दस्तावेज बैंक खातों और उनमें जमा लाखों रुपये तथा बैंक लॉकर उनके नाम खुले होने की जानकारियां मिली है। जिले के तहत बुधवार को टोंक तथा उदयपुर एसीबी के अधिकारी दोनों के बक खातों में जमा धनराशि तथा बैंक लॉकरों में रखी कीमती धातुओं चलअचल सम्पतियों का खुलासा कर सकेंगे।
दोनों आरोपियों को भेजा जेल कृषि भूमि को आवासीय भूमि में रूपातंरण करने की एवज में 40 हजार रुपए की रिवत लेने के मामले में गिरफ्तार वरिष्ठ नगर नियोजन अधिकारी राजेश वर्मा व सहायक नगर नियोजन अधिकारी दीपसिंह को बुधवार को एसीबी के विशेष न्यायालय में पेश किया, जहां न्यायाधीश ने दोनों आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया।