मुंबई। महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी का राज्य की महिला और बाल विकास मंत्री पंकजा मुंडे ने समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि शनि मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक से अपमान कैसे हो सकता है।
पंकजा मुंडे नेकहा कि मेरे जन्म से पहले शनि शिंगणापुर में महिलाओं का प्रवेश वर्जित है। यह एक प्रथा है, इस प्रकार की प्रथा से महिलाओं का कैसा अपमान हो रहा है?
पंकजा ने कहा कि शनि मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर लगी पाबंदी को महिला और पुरुष की समानता से नहीं जोडऩा चाहिए। उन्होंने कहा कि कन्या भ्रुण हत्या, लड़कियों को शिक्षा नहीं देना,सही मायने में महिलाओं का अपमान है।
उन्होंने कहा कि शनि मंदिर सहित कई हनुमान मंदिरों में महिलाओं को प्रवेश नहीं दिया जाता, उन मंदिरों में इस तरह की प्रथा है।
इस तरह के प्रकरणों में राजनीति करना मुझे ठीक नहीं लगता। हालांकि उन्होंने कहा कि एक महिला के मंदिर में प्रवेश करने पर गांव वालों द्वारा मंदिर का शुद्धीकरण करना भी गलत है।
बता दें कि पिछले दिनों अहमदनगर जिले के प्रसिद्ध शनि शिंगणापुर मंदिर में एक महिला ने सुरक्षा बैरीकेड को पार करते हुए चबूतरे पर चढक़र पूजा की और बाद में भीड़ में गुम हो गई।
सीसीटीवी में कैद इस घटना के बाद गांव के लोगों ने शनि प्रतिमा का दूध से अभिषेक किया और विरोध में बंद का आयोजन किया था। मंदिर समिति ने इस मामले में सात सुरक्षार्किर्मयों को निलंबित भी कर दिया था।
इस घटना की देशभर में निंदा हुई थी। घटना को दुखद बताते हुए महाराष्ट्र की पूर्व अतिरिक्त गृह सचिव चंद्रा आयंगर ने कहा था कि भगवान ने सबको समान बनाया है और हम कौन होते हैं कि किसी को पूजा करने या नहीं करने के लिए बाध्य करने वाले।
कम से कम भगवान ने कभी ऐसा नहीं कहा कि महिला को अगर रजोधर्म हो रहा है तो वह मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकती।