जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर में दबोचे गए आईएसआईएस एजेंट सिराजुद्दीन के राजस्थान में नहीं, लेकिन देश और देश के बाहर कई सम्पर्क थे।
आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) ने शुक्रवार को उसे कोर्ट में पेश किया जहां से उसे 21 दिसम्बर तक रिमांड पर सौंप दिया गया। कोर्ट में सिराजुद्दीन ने माफी मांगी और कहा कि मैं पढा लिखा हूं और तीन महीने से ऐसे लोगों के सम्पर्क में आ गया था जो गलत हैं। अब राजस्थान एटीएस और नेशनल इंटेलिजेंस एजेंसी (एनआईए) सिराजुद्दीन पूछताछ करेगी।
एटीएस ने गुरूवार रात जयपुर के जवाहर नगर से इस एजेंट को गिरफ्तार किया था। यह एजेंट जयपुर में ही इंडियन आयल कार्पोरेशन के मार्केटिंग मैनेजर के रूप मे काम कर रहा था। एटीएस ने इसके घर से इसके मोबाइल, लैपटाप और सभी दस्तावेज जब्त कर जांच शुरू कर दी है। यह एजेंट कर्नाटक के गुलबर्गा का रहने वाला है।
एटीएस के प्रमुख आलोक त्रिपाठी ने शुक्रवार सुबह मीडिया को बताया कि सिराजुद्दीन इंजीनियर था। इसके देश और देषश के बाहर कई जगह सम्पर्क सामने आए है, हालांकि राजस्थान में कोई संदिग्ध सम्पर्क सामने नहीं आया है।
उन्होने बताया कि एटीएस के पास इसके खिलाफ पुख्ता इनपुट थे और इस आधार पर ही इसे गिरफ्तार किया गया है। अब रिमांड के दौरान आगे की पूछताछ की जाएगी। त्रिपाठी के अनुसार देश के बाहर कई देशों से इसके नियमित संपर्क सामने आए हैं। इसमें सीरिया ही नहीं, अनेक देश हैं, जिनके बड़ी संख्या में संदिग्ध लोग इसके संपर्क में हैं, जो आईएस के सदस्य हैं।
देश में भी कई राज्य के लोगों से इसके संबंध हैं। इस बीच एटीएस ने अजमेर और राजस्थान के सीमावर्ती जिलोंमें भी अपनी टीमों को भेजा है जो वहां इसके सम्पर्कों को तलाश कर रही है। देश की अन्य सुरक्षा एजेंसियों को भी इसकी सूचना दे दी गई है।
सिराजुद्दीन ने चार माह पहले ही अपने परिवार को कर्नाटक भेज दिया था। पत्नी गर्भवती थी। उसके बाद से ही यह शख्स आईएस के संपर्क में था। उसके आसपास रहने वालों ने बताया कि वह अपने परिवार के प्रति काफी संजीदा दिखता था।
एटीएस के प्रमुख त्रिपाठी ने भी माना कि कुछ माह से वह आईएस के संपर्क में आया था और सोशल मीडिया पर व वाट्सएप पर ग्रुप बनाकर युवक-युवतियों से संपर्क बना रहा था।
आईओसीएल से जुड़े कर्मचारियों से मिली जानकारी के अनुसार डेढ़ साल से जयपुर में रह रहे सिराजुद्दीन की हरकतों से कभी इस बात का अंदाजा नहीं लगाया जा सका कि वह संदिग्ध हो सकता है। वह बड़ी शालीनता से बात करता। नियमित दफ्तर के कामकाज में व्यस्त रहता था। कभी ऐसा महसूस नहीं हुआ कि वह आईएस का एजेंट हो सकता है।