पटना। देशभर में तंबाकू व धूम्रपान की प्रभावी रोकथाम के लिए मीडिया ही नहीं हर व्यक्ति को व्यक्तिगत व सार्वजनिक स्थल, शिक्षण संस्थाअेां पर आकर पहल करने की महती आवश्यकता है।
बिहार में करीब 1 लाख 25 हजार लोग हर साल तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादेां से सेवन अपनी जान गंवा रहे हैं। इसके लिए प्रदेश में कोटपा की प्रभावी कार्यवाही के लिए विभिन्न संगठनों व सरकार के साथ मिलकर कार्य किया जाएगा ताकि शिक्षण संस्थाअेां को तंबाकू मुक्त शिक्षण सस्थान बनाया जा सके।
यह निष्कर्ष रविवार को होटल चाणक्य में तंबाकू नियंत्रण एवं मीडिया की भूमिका पर वायस ऑफ टोबेको विक्टिमस और डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स, भारत सरकार की ओर से आयेाजित कांफ्रेस में निकलकर आया। प्रदेश में शिक्षण संस्थाओं व सार्वजनिक स्थानेां पर कोटपा अधिनियम (सिगरेट एंव अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम 2003) की पालना होने से प्रतिवर्ष हजारेां की संख्या में हो रही जनहानि को रोका जा सकता है।
वायॅस ऑफ टोबेको विक्टिमस के संजय सेठ ने कहा कि देश में 5500 बच्चे हर दिन तंबाकू सेवन की शुरुआत करते हैं और वयस्क होने की आयु से पहले ही तम्बाकू के आदी हो जाते हैं। इसीलिए यह आवश्यक है की हम बच्चों को तम्बाकू सेवन की पहल करने से ही रोके।
बिहार में 440 से अधिक बच्चे तंबाकू सेवन प्रांरभ करते हैं। जबकि बिहार भी देश के उन अग्रणी राज्यों में शामिल था जहां पर 2012 में जनहित में गुटखा को प्रतिबंधित किया गया था। कर्नाटक, राजस्थान और केरल जैसे राज्यों की पुलिस ने तंबाकू की खपत को कम करने में सराहनीय भूमिका निभाई है।
वर्तमान में 80 प्रतिशत लोगों में मुंह,गले और जीभ का कैंसर पाया जाता है। इसके साथ ही महिलाओं में स्तन कैंसर, बच्चेदानी का कैसर शामिल है। बताया कि तंबाकू चबाने से मुंह, गला, अमाशय, यकृत और फेफड़े के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
तंबाकू सेवन शुगर, हार्ट अटेक, रक्तचाप, मुंह, गला एंव फेफड़े का कैंसर, आंखों की रोशनी चले जाना, हाथ पैरों में विकृति, नपुसंकता सहित अनेक प्रकार की बीमारियों का जन्मदाता है।
विश्व में प्रतिवर्ष 55 लाख लोगों की मौत तंबाकू सेवन के कारण होती है। विश्व में हुई कुल मौतों का लगभग पांचवां हिस्सा भारत में होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि सन 2050 तक 2-2 अरब लोग तंबाकू या तंबाकू उत्पादों का सेवन कर रहे होंगे।
इससे पूर्व वीओटीवी से जुड़े चिकित्सकों की राज्य स्तरीय बैठक का भी आयेाजन किया गया, जिसमें प्रदेश के शिक्षण संस्थानों को किस प्रकार से तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान बनाया जाए इस पर चर्चा की गई। जिसमें प्रदेश के राजनेताओं, अधिकारियों को इसके प्रति जागरुक किया जाएगा। ताकि वे इस दिशा में ठोस कदम उठा सकें।
कांफ्रेस में भोपाल के मीडिया प्रतिनिधियों ने भाग लिया और तंबाकू व धूम्रपान उत्पादों पर किस प्रकार रोका जाए व इसमें मीडिया की क्या भूमिका हो सकती है इस पर विस्तार से चर्चा भी की। कार्यशाला में अंत में सभी का आभार वीओटीवी ने व्यक्त किया।