मुजफ्फरपुर। नेपाल में मधेस आंदोलन के कारण भारतीय मुद्रा के लिए भी हाहाकार मचा है। वीरगंज स्थित नेपाल राष्ट्र बैंक ने सरकार को त्राहिमाम संदेश भेजा है। सीमावर्ती क्षेत्र के व्यापारियों ने नेपाली मुद्रा लेना बंद कर दिया है। इससे व्यापार बुरी तरह से प्रभावित है।
नेपाल राष्ट्र बैंक ने यहां के लोगों, व्यापारियों और सटही काउंटर (मनी एक्सचेंज काउंटर) संचालकों को भी निर्धारित पांच हजार रुपए भारतीय देना बंद कर दिया है। इससे भारत-नेपाल का व्यापार 80 प्रतिशत प्रभावित हुआ है।
भारतीय सीमा क्षेत्र के रक्सौल, बैरगनिया, सिकटा, सीतामढ़ी, जयनगर, फारबिसगंज, घोड़ासहन, वाल्मीकिनगर, बगहा व सुपौल आदि के बाजार मुख्य रूप से नेपाली ग्राहकों पर ही निर्भर हैं।
वीरगंज स्थित नेपाल राष्ट्र बैंक के क्षेत्रीय गवर्नर बमबहादुर मिश्रा ने बताया कि भारत-नेपाल के बीच जारी आयात-निर्यात से भारतीय मुद्रा का अभाव नहीं रहता था। लेकिन, मधेस आंदोलन से इसका घोर अभाव हो गया है।
राष्ट्र बैंक प्रतिदिन लाइन लगाकर 200 से 300 लोगों को पांच हजार रुपए प्रति व्यक्ति देता था, इसे फिलहाल बंद कर दिया गया है। नेपाल में खाता खोलकर भारतीय क्षेत्र के बैंक की एटीएम से भारतीय पैसा निकाल कर अवैध सटही काउंटर चलाने वाले लोग मनमाना कमीशन ले रहे हैं।
मिश्रा ने बताया कि सीमावर्ती वीरगंज, कलैया सहित सभी नेपाली बैंकों को ऐसे व्यक्तियों का खाता नहीं खोलने का निर्देश दिया गया है। उन्हें चिह्नित कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। वीरगंज में 32 सटही काउंटर चल रहे हैं।
नेपाल राष्ट्र बैंक प्रति सैकड़ा 15 पैसे का विनिमय शुल्क लेती है। जबकि अवैध सटही काउंटर संचालक 10 रुपए प्रति सैकड़ा कमीशन लेते हैं। 160 रुपए नेपाली का पहले 100 रुपए भारतीय होता था। अब 158 रुपए की 100 रुपए भारतीय करेंसी होती है।
खुदरा में भारतीय बाजारों 100 रुपए नेपाली का 62.50 रुपए निर्धारित था, जो बाद के दिनों में 60 रुपए हो गया। अब 58 रुपए है।
कपड़ा व्यवसायी संघ रक्सौल के सचिव दिनेश धनौढिया ने बताया कि रक्सौल का बाजार नेपाल पर ही निर्भर है। मधेस आंदोलन के कारण नेपाल से कम ग्राहक आ रहे हैं। नेपाली रुपए का अवमूल्यन और अवैध सटही काउंटर संचालकों द्वारा 10 से 12 रुपए विनिमय शुल्क लेने से 80 प्रतिशत व्यापार प्रभावित है।
भारत सरकार से संघ ने पत्र भेजकर रक्सौल में सरकारी सटही काउंटर खोलने की मांग भी की है। रक्सौल शहर में दर्जनों ऐसे अवैध काउंटर चलते हैं।