जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की अध्यक्षता में बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में सम्पन्न मंत्रिमण्डल की बैठक में राजस्थान पंचायती राज अधिनियम में संशोधन के लिए अध्यादेश लाने, राजस्थान राज्य उच्च शिक्षा परिषद् का गठन, विद्युत वितरण प्रबंध उत्तरदायित्व अध्यादेश-2015 लाने तथा प्रदेश के विभिन्न जिलों में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
इनसे 2037 करोड़ रूपए का निवेश होगा तथा करीब 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। बैठक में अन्य कई महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए।
संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने मंत्रिमण्डल की बैठक में हुए निर्णयों की मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि राजस्थान पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 89 एवं 90 में संशोधन करने का निर्णय लिया गया।
इसके लिए राजस्थान पंचायती राज (तृतीय संशोधन) अध्यादेश-2015 लाया जाएगा। इससे पंचायती राज संस्थाओं में ग्राम सेवकों एवं लिपिकों की भर्ती में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से अब यह भर्ती राजस्थान अधीनस्थ एवं मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से होगी।
अब तक यह भर्ती पंचायती राज संस्थाओं में जिला स्थापना समिति द्वारा की जाती थी। अब भर्ती परीक्षा का आयोजन केन्द्रीय स्तर पर होगा लेकिन भर्ती जिला स्तर पर ही होगी। अभ्यर्थी द्वारा भरे गये विकल्पों एवं उसकी मेरिट के आधार पर उसको जो जिला आवंटित किया जायेगा, वहां से उसका स्थानान्तरण अन्य जिले में नहीं होगा।
राज्य उच्च शिक्षा परिषद् का गठन
राठौड़ ने बताया कि बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में राजस्थान राज्य उच्च शिक्षा परिषद् के गठन का निर्णय लिया गया। यह परिषद् उच्च शिक्षा में गुणवत्ता, दूरस्थ स्थानों पर असंतुलन दूर करना तथा उत्कृष्टता व जवाबदेही सुनिश्चित करेगी।
यह परिषद् स्वायत्तशासी विद्यालयों को विश्वविद्यालयों में क्रमोन्नत करने, विश्वविद्यालयों में गुणात्मक तथा आधारभूत ढांचे में सुधार के प्रस्ताव, नीति निर्धारण तथा क्रियान्वयन का कार्य करेगी।
विद्युत वितरण प्रबंध उत्तरदायित्व अध्यादेश-2015
संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि मंत्रिमण्डल की बैठक में विद्युत वितरण प्रबंध उत्तरदायित्व अध्यादेश-2015 लाने का निर्णय लिया गया। इस अध्यादेश के लाने से विद्युत वितरण निगमों की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा और फाइनेंस व्हीकल के रूप में राजस्थान राज्य विद्युत वितरण वित्त निगम लिमिटेड नाम से कम्पनी का गठन किया जाएगा जो वितरण निगमों की वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति करेगी।
राज्य सरकार इस कम्पनी को चालू वित्तीय वर्ष से वर्ष 2021-22 तक वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। वित्तीय सहायता में इलेक्ट्रीसिटी ड्यूटी के रूप में 1200 करोड़ रूपए प्रतिवर्ष तथा टेरिफ सब्सिडी के रूप में 7 हजार 500 करोड़ रूपए प्रतिवर्ष दिए जायेंगे।
राठौड़ ने बताया कि इस अध्यादेश के तहत वितरण निगमों की वित्तीय पुनर्गठन योजना तैयार की जाएगी, जिसके अनुसार बैंकों एवं वित्तीय संस्थाओं से ऋण प्राप्त करने एवं डिस्काॅम्स के दीर्घकालीन वित्तीय ढांचागत सुधार एवं योजनाओं की क्रियान्विति की जाएगी।
एक होगा भाषा एवं पुस्तकालय विभाग
संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि वर्तमान में भाषा विभाग द्वारा पुस्तकालय विभाग का कार्य भी किया जा रहा था किन्तु रूल्स आफ बिजनेस में इसका उल्लेख नहीं था। मंत्रिमण्डल की बैठक में अब विभाग का नाम भाषा एवं पुस्तकालय विभाग करने का निर्णय लिया गया।
वापिस नहीं होगा वीआरएस का नोटिस
राठौड़ ने बताया कि बैठक में स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति के प्रावधानों का दुरूपयोग रोकने के लिए राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1996 के नियम 50 के उपनियम 4 में संशोधन का निर्णय लिया गया है। इसके तहत स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति का नोटिस देने के बाद कर्मचारी उसे वापिस नहीं ले सकेगा।
तबादला प्रकरणों की सुनवाई में आएगी तेजी
संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि मंत्रिमण्डल की बैठक में राजस्थान सिविल सेवा (सेवा संबंधी मामलों के लिये अपील अधिकरण) नियम-1976 के नियम 4 में संशोधन का निर्णय लिया गया है। इसके तहत स्थानान्तरण संबंधी प्रकरणों की सुनवाई राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण की दो सदस्यीय पीठ द्वारा की जा सकेगी जिससे ऐसे प्रकरणों का त्वरित गति से निस्तारण होगा।
उन्होंने बताया कि वर्तमान सेवा नियमों में राज्य कर्मचारियों को उनकी सेवा पुस्तिका की डुप्लीकेट प्रति दिये जाने का प्रावधान है जिसमें सभी प्रविष्टियां पुनः उतारी जाती हैं। मंत्रिमण्डल की बैठक में राजस्थान सेवा नियम, 1951 के नियम 160 (4) में संशोधन कर डुप्लीकेट सेवा पुस्तिका के स्थान पर उसकी प्रमाणित फोटोप्रति उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है।
गिरदावरी रिपोर्ट मिली, मुआवजे के प्रस्ताव शीघ्र केन्द्र को भेजेंगे
संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि 33 जिलों से खसरा गिरदावरी की रिपोर्ट प्राप्त हुई है। इसमें 15 हजार 820 गांवों में 33 प्रतिशत से ज्यादा खराबा पाया गया है जिनमें से 14 हजार 487 गांवों में 50 प्रतिशत से अधिक खराबा हुआ है। खराबे में 32 लाख 65 हजार हैक्टेयर भूमि तथा एक करोड़ 96 लाख मानव तथा एक करोड़ 69 लाख पशु प्रभावित हुए हैं। उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ नोम्र्स के अनुसार मुआवजे के लिए केन्द्र सरकार को ज्ञापन शीघ्र भिजवाया जा रहा है।
रिसर्जेंट राजस्थान के निवेश प्रस्ताव आने लगे धरातल पर
राठौड़ ने बताया कि मंत्रिमण्डल की बैठक में रिसर्जेंट राजस्थान में विभिन्न कम्पनियों की ओर से प्राप्त निवेश प्रस्तावों को धरातल पर लाने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा निर्देश दिये गये। साथ ही बैठक में राज्य सरकार द्वारा मंजूर कुछ प्रस्तावों पर चर्चा हुई।
उन्होंने बताया कि गेलेक्सी शोपी प्रा.लि. उदयपुर की मावली तहसील के बोयना गांव में अपनी इकाई लगायेगी जिसमें एक हजार 11 करोड़ रूपए का निवेश कर करीब 2 हजार लोगों को रोजगार प्रदान किया जायेगा। इस इकाई में एलईडी टीवी, रेफ्रिजरेटर, आर.ओ. आदि उपकरणों का निर्माण होगा।
इसी प्रकार गुजरात का प्रतिष्ठित शैलबी हास्पीटल जयपुर के चित्रकूट में 130 करोड़ रूपए की लागत से 270 बैड का सुपर स्पेशियलिटी हास्पीटल स्थापित करेगा। सितम्बर,2016 से शुरू होने वाले इस अस्पताल से 15 सौ लोगों को रोजगार मिलेगा।
इसी प्रकार सुपर गोल्ड सूटिंग्स प्रा.लि.द्वारा भीलवाड़ा के मण्डफिया में एक डेनिम फेब्रिक परियोजना की स्थापना करेगा। इस परियोजना में 100 करोड़ रूपये का निवेश होगा एवं 400 व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा।
उन्होंने बताया कि कृत्रिम चमड़ा और पीवीसी विनायल की देश में सबसे बड़ी उत्पादक कम्पनी मयूर यूनिकोटर्स लि. जयपुर के ढोढसर गांव में 275 करोड़ रूपये के निवेश से अपनी इकाई लगाएगी इसमें एक हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।
एलएनजे भीलवाड़ा ग्रुप की कम्पनी आरएसडब्ल्यूएम लि. रींगस (सीकर), मोरदी (बांसवाड़ा) एवं कान्याखेडी (भीलवाड़ा) में नई इकाइयों की स्थापना एवं विस्तार पर 394 करोड़ रूपए से अधिक का निवेश करेगी। इससे 1838 लोगों को रोजगार मिलेगा।
सीकेएस मेडिकेयर प्रा.लि. जयपुर के विश्वकर्मा औद्योगिक क्षेत्र में करीब 57 करोड़ रूपए का निवेश कर 200 बैड के मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल का निर्माण करेगी जिसमें 525 लोगों को रोजगार मिलेगा।
जापान की यजाकी कार्पो. की सहायक कम्पनी यजाकी इण्डिया प्रा.लि. भिवाड़ी में दो चरणों में 70 करोड़ रूपए का निवेश करेगी। इसमें 2 हजार 50 लोगों को रोजगार मिलेगा। इन सभी प्रस्तावों से प्रदेश में कुल 2 हजार 37 करोड़ का निवेश आने के साथ ही करीब 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
मंत्रिमण्डल ने प्रदेश में उद्योगों के विकास के लिये इन सभी औद्योगिक इकाइयों को राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना के तहत विभिन्न प्रकार की रियायतें एवं अन्य प्रकार की छूटें प्रदान करने का निर्णय भी लिया है।