जयपुर/उधमपुर/जम्मू। अब न कोई दर्द न ऑपरेशन का डर एक रिसुग इंजैक्शन और टैंशन दूर। नसबंदी से डरने वाले पुरूषों के लिए रिसुग इंजैक्शन एक बडा विकल्प आया है। इस इंजैक्शन को नसों में लगाया जाता है।
रिसुग इंजैक्शन का भारत में ही अविष्कार हुआ है। इस प्रोजैक्ट को प्रयोग के तौर पर चार स्थानों पर चलाया जा रहा है। इस प्रोजैक्ट का नाम प्रयोग के तष्तीय चरण रखा गया है। नई दिल्ली एम्स अस्पताल तथा एलएमजेपी अस्पताल में यह सुविधा मौजूद है जबकि जयपुर के एसएमएस मैडीकल कॉलेज डिर्पाटमैंट ऑफ यूरोलोजी में यह प्रोजैक्ट चल रहा है।
यह इंजैक्शन निःशुल्क तौर पर 25 से 40 वर्ष के पुरूषों जिनके पास दो या दो से ज्यादा बच्चे हैं उन्हें ही दिया जा रहा है। इस इंजैक्शन का एंटी भी तैयार है। पुरूष जब भी चाहे तो रिसुग के एंटी से इसका असर खत्म हो सकता है और प्रजनन क्षमता वापस पा सकता है। ज्ञात रहे कि रिसुग इंजैक्शन पर सरकार 2002 से ही काम कर रही है।
जिला अस्तपाल के मेडीकल सुपरिटैंडैंट और इस प्रोजैक्ट के चेयरमैन डॉ. नरेंद्र भुतयाल का कहना था कि जम्मू कश्मीर राज्य में मात्र उधमपुर अस्पताल में रिसुग इंजैक्शन को लेकर नवम्बर 2007 में एक प्रोजैक्ट प्रयोग के तौर पर शुरू किया गया जिसके तहत अब तक यहां 35 पुरूषों ने इस इंजैक्शन का लाभ उठाया है।
इसका अविष्कार भारतीय वैज्ञानिक डॉ.एसके गुहा ने किया है जो इस समय आईआईटी नई दिल्ली में प्रोफैसर हैं। इस प्रोजैक्ट की जांच में जुटे डॉ.केसी शर्मा मानते हैं कि यह एक अच्छी खोज है। पुरूषों से बातचीत के दौरान जानकारी मिली कि वह इस इंजैक्शन को लेने के बाद उन्हें पहले जैसा ही महसूस हो रहा है।
इंजैक्शन को लेने वाले पुरूषों को चार हजार रूपए प्रोत्साहन के रूप में मिल रहा है।इंजैक्शन लेने के पहले और बाद में उसकी पत्नी को भी अस्पताल में आकर जांच कराना पडती है। इसके लिए उसे एक हजार रूपए नकद दिए जाते हैं।
इसी प्रकार पांच साल तक समय-समय पर चिकित्सकों द्वारा बुलाकर पुरूषों को जांच से गुजरना पडेगा और जब-जब जांच के लिए आएगा तब-तब उसे एक हजार रूपए नकद मिलेंगे। वहीं इसी प्रकार 6 महीने बाद उसकी पत्नी की भी जांच की जाएगी और उसे भी एक हजार रूपए नकद मिलेंगे। यह प्रक्रिया इंजैक्शन लेने की तिथि से पांच साल तक समय-समय पर चलती रहेगी।