नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र में अब सिर्फ तीन दिन बचे है। पूरे सत्र के दौरान काम कम हंगामा अधिक हुआ है। इसके चलते जहां देश को प्रतिदिन करोडों रूपयों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है वहीं विकास योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं।
इस दौरान लोकसभा द्वारा 12 विधेयकों को पारित किया जा चुका है, जबकि 6 विधेयक पेश किए जा चुके हैं। अब तक राज्यसभा में मुश्किल से ही कोई विधायी कार्यवाही हो पाई है।
सरकार और विपक्ष के बीच जारी गतिरोध को दूर करने के लिए इस सप्ताह शुक्रवार को राज्यसभा के सभापति ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई और इस सत्र की शेष अवधि के दौरान राज्यसभा में कुछ लंबित विधेयकों को पारित करने से संबंधित विषयों पर विचार विमर्श किया।
राज्यसभा में देश की एकता और अखंडता से जुड़े असहिष्णुता मामले, आवश्यक खाद्य वस्तुओं और अनाजों के मूल्यों के अलावा सर्वदलीय बैठक में सरकार द्वारा तय किए गए अरूणाचल प्रदेश के राज्यपाल की भूमिका पर अगले सप्ताह चर्चा होने की संभावना है।
अगले सप्ताह के दौरान लोकसभा में बोनस का भुगतान (संशोधन) विधेयक, 2015 और राष्ट्रीय जलमार्ग (संशोधन) विधेयक, 2015 के लिए क्रमशः चर्चा हेतु दो और तीन घंटों का समय आवंटित किया गया है।
इसके अलावा, लोकसभा में नेपाल की स्थिति, भारत-नेपाल संबंधों की स्थिति पर लघु अवधि चर्चा, स्थायी विकास लक्ष्यों पर पुनर्चर्चा की जाएगी, जिन पर पिछले सत्र के दौरान भी विचार विमर्श किया गया था।
26 नवंबर को प्रारंभ हुए वर्तमान शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा द्वारा 12 विधेयकों को पारित किया जा चुका है, जबकि 6 विधेयक पेश किए जा चुके हैं।
पारित होने वाले विधेयकों में कैरिएज बाई एयर (संशोधन) विधेयक, 2015, भारतीय मानक विधेयक, 2015, उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय न्यायाधीश (वेतन और सेवा शर्तें) संशोधन विधेयक, 2015, भारतीय ट्रस्टी (संशोधन) विधेयक, 2015, उद्योग (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2015 परक्राम्य दस्तावेज (संशोधन) विधेयक, 2015, परमाणु ऊर्जा (संशोधन) विधेयक, 2015, अनुदानों के लिए अतिरिक्त मांग और अनुपूरक मांगों पर चर्चा और मतदान एवं इससे संबंधित विधेयक, चीनी उपकर (संशोधन) विधेयक, 2015, वाणिज्यिक अदालतें, वाणिज्यिक प्रभाग और उच्च न्यायालयों के वाणिज्यिक अपीलीय प्रभाग विधेयक, 2015, मध्यस्थता और सुलह (संशोधन) विधेयक, 2015 शामिल हैं।
लोकसभा द्वारा वाणिज्यिक अदालतें, वाणिज्यिक प्रभाग और उच्च न्यायालयों के वाणिज्यिक अपीलीय प्रभाग विधेयक, 2015, मध्यस्थता और सुलह (संशोधन) विधेयक, 2015, परमाणु ऊर्जा, श्रमिकों को बोनस का भुगतान, उद्योग और चीनी उपकर से संबंधित पेश किए गए सभी 6 नये विधेयकों को पारित कर दिया गया।