नई दिल्ली। बीजेपी सांसद और पूर्व क्रिकेट प्लेयर कीर्ति आजाद ने रविवार को डीडीसीए में हुए आर्थिक करप्शन को लेकर बाकायदा वीडियो क्लीप दिखाकर कई खुलासे किए।
एक संवाददाता सम्मेलन में आजाद ने विकिलीक्स फॉर इंडिया और सन स्टार अखबार की ओर से तैयार एक स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो दिखाया। वीडियो में दावा किया गया है कि डीडीसीए ने फर्जी बिल का भुगतान किया।
आजाद ने कहा कि विकिलीक्स फॉर इंडिया और सन स्टार ने उन कंपनियों को खोजा जिन्हें डीडीसीए में कॉन्ट्रैक्ट मिला। मैं देश के प्रधानमंत्री मोदी का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। उन्होंने भ्रष्टाचार मिटाने के लिए मुहिम चलाई है। मेरा अनुरोध है कि इसे खुलासे को कोई व्यक्तिगत रूप से न ले। मेरी लड़ाई निजी नहीं है।
उन्होंने संवाददाताओं को 28 मिनट की एक सीडी दिखाई दी गई जिसमें पांच पैकेज थे।वीडियो के पैकजों में दावा किया गया कि डीडीसीए ने कंपनियों की जांच-पड़ताल किए बिना 14 ऐसी कंपनियों को लाखों रुपए का भुगतान कर दिया जो कि बताए गए पते पर थी ही नहीं।
डीडीसीए की फाइल में प्रिंटर का एक दिन का किराया तीन हजार रुपए और लैपटॉप का एक दिन का किराया 16 हजार रुपए दर्शाया गया है। डीडीसीए ने जिन बिलों का भुगतान किया है उन बिलों में दिए गए पते फर्जी हैं। यही नहीं कंपनियों का भुगतान चेक से न करते हुए कैश में किया गया जो भ्रष्टाचार की तरफ इशारा करता है।
उन्होंने रविवार को एक वीडियो के ज़रिए बताया कि डीडीसीए ने 14 ऐसी कंपनियों को लाखों रुपए का भुगतान किया, जिनका पता और जानकारी अधूरी थी या ग़लत। इस पड़ताल का नाम ‘ऑपरेशन डीडीसीए’देते हुए आजाद ने चुटकी लेते हुए कहा कि अगर किसी को करप्शन में पीएचडी करनी है तो वह डीडीसीए जा सकता है।
संवाददाता सम्मेलन के दौरान आजाद के साथ भारतीय टीम के पूर्व कैप्टन बिशन सिंह बेदी भी मौजूद थे।
मालूम हो कि संवाददाता सम्मेलन से पहले आजाद पर अपनी ही पार्टी के निशाने पर आ गए थे। उनके लिए कहा गया कि शायद वे सोनिया गांधी से मिल गए हैं। इस आरोप के जवाब में आजाद ने कहा कि जिस व्यक्ति ने ऐसा आरोप लगाया है उसे जान लेना चाहिए कि उनके पिता काफी समय से कांग्रेस से जुडे हुए थे। इसके अलावा आजाद ने कहा कि उन पर आरोप लगाने वालों के संबंध भी तो विरोधियों से अच्छे हैं।
गौरतलब है कि साल 1983 में विश्व कप विजेता टीम इंडिया के सदस्य रहे आजाद बीते कुछ समय से डीडीसीए के खिलाफ अभियान चलाए हुए हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि फीरोजशाह कोटला मैदान के पुनर्निर्माण में भी गंभीर अनियमित्ताएं हुई हैं। आजाद ने गुस्सा जाहिए करते हुए कहा कि उन्होंने समय रहते इसकी जानकारी तत्तकालीन अध्यक्ष अरुण जेटली को दी लेकिन जेटली ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
आजाद ने कहा कि कई बार फीरोजशाह कोटला के बाहर कई वरिष्ठ खिलाडियों के साथ धरना तक दिया था। साल 1996 में भारत में हुए विश्वकप के बाद से ही पुनर्निर्माण के नाम पर फीरोजशाह कोटला मैदान में तोडपफोड चलती रही। आईपीएल शुरू होने के बाद मैदान में निर्माण कार्य में और भी तेजी आ गई। इसके बाद आजाद विरोध करने लगे थे।
आजाद का कहना था की निर्माण करने वाली कंपनियों को एक से ज्यादा बाद भुगतान किया गया। एक ही पते और एक ही फोन नंबर वाली कई कंपनियां थी जिनके साथ डीडीसीए के पदाधिकारियों के संबंध भी उजागर हुए हैं।
दिल्ली सरकार ने बनाया कमीशन आफ इनक्वायरी
डीडीसीए घोटाले में जांच के लिए दिल्ली सरकार ने कमीशन आफ इनक्वायरी गठित करने की घोषणा की है। इसके लिए मुचयमंऋी अरविंद केजरीवाल ने बाकायदा वरिष्ठ एडवोकेट गोपाल सुब्रहमण्यम को इसका हेड बनाए जाने के लिए लेटर लिखा है।