मुंबई। बॉलीवुड में गोविन्दा का नाम एक ऐसे अभिनेता के तौर पर शुमार किया जाता है जिन्होंने अपनी डांसिग स्टाइल और कॉमेडी अभिनय से दर्शकों के दिलों मे खास पहचान बनाई।
21 दिसंबर 1963 में जन्में गोविन्दा फिल्मी परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनके पिता अरुण आहूजा और मां निर्मला देवी फिल्मों में काम करते थे। बचपन के दिनों से हीं गोविन्दा भी अभिनेता बनने का ख्वाब देखा करते थे।
गोविन्दा ने अपने सिने करियर की शुरूआत वर्ष 1986 में प्रदर्शित फिल्म इल्जाम से की। इस फिल्म में उनपर फिल्माया यह गीत ‘स्ट्रीट डांसरà काफी लोकप्रिय हुआ। इस फिल्म की सफलता के बाद गोविन्दा की छवि एक डांसिग स्टार के रूप में बन गई और फिल्मकारों ने उनकी इसी छवि को अपनी फिल्मों में जमकर भुनाया।
इल्जाम में गोविन्दा की जोड़ी नीलम के साथ काफी पसंद की गई। इस फिल्म के बाद नीलम और गोविन्दा ने कई फिल्मों में एक साथ काम किया। इन फिल्मों में लव 86, खुदगर्ज, हत्या, सिंदूर, फर्ज की जंग, ताकतवर और दो कैदी शामिल है।
गोविन्दा के सिने सफर में उनकी जोड़ी डेविड धवन के साथ काफी पसंद की गई। वर्ष 1989 में गोविन्दा ने निर्देशक डेविड धवन के साथ पहली बार ताकतवर में काम किया।
इस फिल्म को टिकट खिड़की पर औसत सफलता प्राप्त हुई लेकिन इस फिल्म के बाद डेविड धवन और गोविंदा की जोड़ी बन गई और दोनों ने कई फिल्मों में एक साथ काम कर दर्शकों का मनोरंजन किया।
वर्ष 1993 में प्रदर्शित फिल्म ‘आंखेà गोविन्दा के सिने करियर की सर्वाधिक कामयाब फिल्म में शुमार की जाती है। इस फिल्म में एक बार फिर गोविन्दा ने अपने पसंदीदा निर्देशक डेविड धवन के साथ काम किया।
हास्य से परिपूर्ण इस फिल्म में गोविंदा ने दोहरी भूमिका निभाकर दर्शकों को रोमांचित कर दिया। यह फिल्म भारतीय सिनेमा जगत के इतिहास में ब्लॉक बस्टर फिल्मों में शुमार की जाती है।
आंखे की ब्लॉक बस्टर सफलता के बाद गोविन्दा -डेविड की जोड़ी ने एक से बढ़कर एक फिल्म बनाकर दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। इन फिल्मों में कुली नंबर वन, हीरो नंबर वन, साजन चले ससुराल, बड़े मियां छोटे मियां, राजा बाबू, दीवाना मस्ताना, दुल्हे राजा, हसीना मान जाएगी, जोड़ी नंबर वन और पार्टनर आदि शामिल है।
2000 के दशक मे गोविन्दा की फिल्मों को अपेक्षित सफलता नहीं मिल सकी। वर्ष 2000 में प्रदर्शित फिल्म शिकारी ने गोविन्दा ने अपने सिने करियर का पहला नेगेटिव किरदार निभाया जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ खलनायक का फिल्म फेयर पुरस्कार भी दिया गया।