नई दिल्ली। बीजेपी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी को सरकारी बंगला आवंटित किए जाने के मोदी सरकार के फैसले का बचाव करते हुए शहरी विकास मंत्रालय ने सफाई देते हुए कहा कि पूर्व में भी सुरक्षा कारणों से गैर सांसदों को को आवास दिए जाते रहे हैं।
मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अतीत में भी सुरक्षा के आधार पर गैर सांसदों को सरकारी बंगले आवंटित किए गए हैं।
इसकी पुष्टि में म़ंत्रालय ने सूची प्रस्तुत करते हुए कहा कि सरुक्षा कारणों में जिन लोगों को सरकारी बंगले दिए गए हैं उनमें प्रियंका गांधी को पफरवरी 1997 में 35 लोधी एस्टेट आवंटित किया गया।
पंजाब के पूर्व पुलिस प्रमुख केपीएस गिल को अप्रेल 1996 में 11 तालकटोरा रोड, युवा कांग्रेस के पूर्व प्रमुख एमएस बिटटा को जून 1996 में 14 तालकटोरा रोड आवास आवंटित किए गए थे।
कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर को दिसंबर 2006 में 5 जीआरजी रोड का बंगला दिया गया था। जिसे उन्होंने 2015 में खाली किया।
इसी तरह पंजाब केसरी के संपादक अश्विनी कुमार को जून 1998 में सरकारी बंगला दिया गया। बूंटा सिंह को सुरक्षा आधार पर फरवरी 2006 में 11 ए तीन मूर्ति मार्ग पर आवास आवंटित किया गया।
अश्विनी कुमार और टाइटलर के अलावा वर्तमान तक सभी अपने आवास में रह रहे हैं। कुमार और टाइटलर आवास खाली कर चुके हैं।