सूरत। दुष्कर्म मामले की पीडि़ता की भ्रष्टाचार संबंधी शिकायत पर कोर्ट ने पलसाणा थाने के पुलिस उप निरीक्षक के खिलाफ जांच करने का भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों को आदेश दिया। पीडि़ता का आरोप है कि उप निरीक्षक ने अभियुक्तों को लाभ पहुंचाने के लिए जांच में लापरवाही दिखाई।
पीडि़ता ने पुलिस उप निरीक्षक एच.बी.पटेल के खिलाफ कोर्ट मेें दायर की शिकायत के मुताबिक उसने 22 सितबर, 2015 को पलसाणा थाने में परेश शिवराम वैरागी और चीनु भगत के खिलाफ दुष्कर्म, अप्राकृतिक यौन संबंध और धमकी देने की शिकायत दर्ज करवाई थी। इस मामले की जांच पुलिस उपनिरीक्षक एच.बी.पटेल को सौंपी गई थी।
पीडि़ता के आरोपों के मुताबिक जांच अधिकारी पटेल ने अभियुक्तों को लाभ पहुंचाने के लिए जांच में लापरवाही बरती। दुष्कर्म की शिकायत करने के बाद उन्होंने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत पीडि़ता का कोर्ट में बयान दर्ज करवाना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और अभियुक्तों को कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई।
इसके अलावा आरोप है कि जांच अधिकारी ने पारूल जोशी नाम की अभियुक्त का नाम भी प्राथमिकी से हटा दिया। उसने जांच अधिकारी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कोर्ट से न्याय के लिए गुहार लगाई थी। शिकायत पर अतिरिक्त सेशन जज आर.ए. त्रिवेदी ने इस संदर्भ की जांच कर कोर्ट के समक्ष रिपोर्ट पेश करने का भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को आदेश दिया।