सागर। भारत-पाक सीमा पर कुपवाड़ा के समीप आतंकियों की गोलीबारी में शहीद हुए महार रेजीमेंट के लांस नायक अनिल बेन का गुरुवार को सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनकी मां, पत्नी सहित अन्य परिजनों को श्मशान घाट पर ही अनिल के अंतिम दर्शन करए गए, जिसके बाद बड़े बेटे मन ने मुखाग्नि दी।
मंगलवार को शहीद हुए महार रेजीमेंट के लांस नायक अनिल बेन की पार्थिव देह गुरुवार दोपहर में सागर पहुंची। अनिल की मां और भाई ने कलेक्टर व एसपी से मांग की थी कि अनिल की अंतिम यात्रा उनके बीएसएनएल कॉलोनी स्थिति घर से निकले।
लेकिन सेना के रिकॉर्ड में अनिल के नाम के साथ उनकी ससुराल का पता लिखा था। इसलिए सेना के अधिकारियों ने शव को बीएसएनएल कॉलोनी ले जाने से इनकार दिया।
माथे पर लगी थी गोली
अनिल का शव जब यूनिवर्सिटी परिसर पहुंचा तो वहां किसी को भी चेहरा नहीं दिखाया गया। इसके बाद सेना के वाहन में ताबूत रखकर शव यात्रा शुरू हुई। सेना के जवानों के अलावा अंतिम यात्रा में नगर के कई गणमान्य लोग और अनिल के रिश्तेदार शामिल हुए।
अंतिम यात्रा सिविल लाइन, कालीचरण चौराहा, गोपालगंज, बस स्टैंड, संजय ड्राइव होते हुए मोतीनगर श्मशान घाट पहुंची। यहाँ कुछ देर के लिए शहीद अनिल बेन के चेहरे को खोला गया। उनके माथे पर गोली लगने का निशान दिखाई दिया।
अनिल की पत्नी, दोनों बेटों मन व मीत सहित मां शीला बेन, भाइयों व रिश्तेदारों, मित्रों और उपस्थित लोगों ने अनिल के अंतिम दर्शन किए। इसके बाद सैनिकों ने उन्हें सलामी दी। शहीद अनिल के अंतिम संस्कार के दौरान परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह, विधायक शैलेंद्र जैन, कलेक्टर व एसपी, महार रेजीमेंट के कर्नल ऑफ रेजीमेंट मनोज राठी आदि ने शहीद को अंतिम विदाई दी।