गोरखपुर। उत्तरप्रदेश सरकार में मंत्री आजम खान के बयान पर निशाना साधते हुए गोरक्षपीठ के महंत व सदर सांसद आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की सेना एक राष्ट्रभक्त सेना है। उसके उपर सवाल उठाने वाले पहले अपने गिरेबान में झांककर देखें।
आजम को नसीहत देते हुए योगी ने कहा कि मामले में सेना को न घसीटा जाए, तो बेहतर होगा। एक-एक रामभक्त कहता है कि बाबरी नाम के गुलामी के ढांचे को उसने तोड़ा है। मुझे लगता है कि कोई भी स्वाभिमानी कौम और जाति यही करेगी जो 6 दिसंबर को अयोध्या में हुआ था। इसलिए इस तरह के बयान का कोई मतलब नहीं है। आजम खान बचकाने बयानों को देना बंद करें।
राम मंदिर के लिए तराशे गए पत्थरों को यूपी सरकार ने जब्त कर लिया था। इसपर भी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी सरकार से और उम्मीद ही क्या की जा सकती है। प्रदेश में जिस तरह की सत्ता है, उससे मुझे लगता है कि मुगल सल्तनत का ये आखिरी वारिस है। अब उत्तर प्रदेश सरकार ओवैसी के कहने पर चलेगी, तो उसका सत्यानाश होना तय है।
अयोध्या मंदिर का मसला कोर्ट के भरोसे
योगी ने कहा कि मुस्लिम पक्ष ने कहा था कि हाईकोर्ट की स्पेशल बेंच जो फैसला देगी, उसे हम मानेंगे। 30 सितंबर 2010 को कोर्ट का फैसला आने के बाद ये लोग मुकर गए। रोज उनके बयान बदलते रहते हैं।
एएसआई ने मंदिर तोड़े जाने का दिया सबूत
योगी ने कहा कि 1994 में सुप्रीम कोर्ट में एक एफिडेविट दाखिल किया गया था। अयोध्या का विवादित ढांचा किसी मंदिर को तोड़कर बनाया गया था। इसे एएसआई ने साबित कर दिया है। फिर भी ये लोग इस बात को नहीं मान रहे हैं।
आजम ने आरोप लगाया कि फौज ने भी कोई कार्रवाई नहीं की। सब मिल गए थे। सब एक हो गए थे मस्जिद के खिलाफ। फिर एक हो जाएंगे तो क्या किया जा सकता है। सारी मस्जिदें गिरा लें।
सांसद खुद बढ़ाएं अपना वेतन, ये संभव नहीं
सांसदों का वेतन दोगुना किए जाने के सवाल पर आदित्यनाथ ने कहा कि वे खुद उस कमिटी के चीफ हैं। कमिटी ने इस बात की आपत्ति दर्ज की है कि संसद सदस्य अपना वेतन स्वंय बढाएं ये नहीं होना चाहिए। उसके लिए एक मकैनिज्म तैयार होना चाहिए, जो उसके बारे में रिपोर्ट कमिटी को दे। फिर कमिटी संसदीय कार्य मंत्रालय को वह रिपोर्ट भेजेगा।