लखनऊ। दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री के पद से बर्खास्तगी के बाद भी ओमपाल नेहरा अपने बयान पर कायम हैं। उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए मुसलमानों को कार सेवा करने की सलाह दी थी। इस बयान के बाद उन्हें राज्यमंत्री के पद से हटा दिया गया था।
बर्खास्त किये जाने के बाद ओमपाल नेहरा ने कहा कि मैं अपने बयान पर कायम हूं। मैंने यह जाहिर तौर पर कहा है कि मुस्लिम समाज के लोगों को अयोध्या मामला खत्म करने में मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरे बयान के भाव को समझा जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि लाल बत्ती जाने का उन्हें तनिक भी अफसोस नहीं है।
दरअसल ओमपाल नेहरा ने बुधवार को बिजनौर में चैधरी चरण सिंह की जयंती पर आयोजित किसान सम्मान समारोह में कहा था कि मुसलमान भाई कारसेवा कर मंदिर बनवाएं। इससे विश्व हिंदू परिषद खुद ही खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर और मथुरा में कृष्ण मंदिर बनना चाहिए। राम मंदिर अयोध्या में नहीं बनेगा तो और कहां बनेगा?
ओमपाल नेहरा को डेढ़ महीने पहले ही मनोरंजन कर विभाग में सलाहकार नामित कर राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया था। वह सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जाते हैं।
सपा से तीन नेता और बर्खास्त
पार्टी विरोधी काम के आरोप में सपा नेतृत्व ने कल पार्टी के तीन नेताओं सुनील यादव ‘साजन’, आनंद भदौरिया और रामेश्वर यादव के बेटे सुबोध यादव को बर्खास्त कर दिया। इसके अलावा पार्टी ने कैबिनेट मंत्री पंडित सिंह को कड़ी चेतावनी दी है।
पार्टी प्रवक्ता राजेंद्र चैधरी का कहना है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में इन नेताओं पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप है। सुनील यादव और आनंद भदौरिया मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चहेते बताए जाते हैं। भदौरिया लखीमपुर से लोकसभा चुनाव लड़ चुके है तो सुनील यादव दर्जा प्राप्त मंत्री रह चुके हैं।
सपा के इस कठोर कार्रवाई के बाद राजधानी के सियासी गलियारे में चर्चा है कि पार्टी के इस कदम से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव खुश नहीं हैं।