भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र फरवरी के तीसरे सप्ताह से शुरू होगा और सत्र 28 से 30 दिन का रहेगा। इसमें वित्त मंत्री जयंत मलैया आगामी वित्तीय वर्ष के बजट अनुमान प्रस्तुत करेंगे।
जानकारी अनुसार बजट में इस बार स्थापना व्यय में काफी वृद्धि होगी। जिसमें अध्यापकों को छठवां वेतनमान, संविदा कर्मियों के मानदेय में बढ़ोतरी के साथ रोजगार सहायकों को अतिरिक्त राशि देने जैसे कदमों के लिए प्रावधान किए जाएंगे।
मंत्री-विधायकों के वेतन-भत्ते बढ़ाने का प्रस्ताव भी सत्र में लाया जाएगा। वहीं, योजना व्यय में 10 हजार करोड़ रुपए की वृद्धि के प्रस्ताव हैं।
बजट सत्र में सरकार 2016-17 के लिए बजट पेश करेगी। ये सवा लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का हो सकता है। इसमें 60 से 65 हजार करोड़ रुपए योजनाओं में खर्च करने के लिए रखे जाएंगे।
इसके लिए राज्य योजना आयोग ने विभागीय अधिकारियों के साथ खाका खींच लिया है, जिसे जल्द ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने रखा जाएगा।
बताया जा रहा है कि वित्त विभाग ने समस्त योजनाओं के लिए 60 हजार करोड़ रुपए की सीमा राज्य योजना आयोग को दी है, लेकिन विभागों के प्रस्ताव 72 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा है, जबकि केंद्रीय मदद 28 हजार करोड़ से घटकर 15 हजार करोड़ हो गई है।
आयोग के अधिकारियों का कहना है कि वित्तीय संसाधन सीमित हैं और विभागों ने सडक़, बिजली, पानी, शिक्षा, कृषि, ग्रामीण विकास, वन, उद्योग, सिंचाई के लिए योजना सीमा से बढ़ाकर प्रस्ताव दिए हैं। अब मुख्यमंत्री के सामने सभी प्रस्ताव रखे जाएंगे। इसके बाद ही तय होगा कि किसे कितनी राशि मिलेगी।