हरिद्वार। तमिल मौलवी द्वारा पतंजलि उत्पादों के खिलाफ जारी किए गये फतवे को पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने एक षडयंत्रकारी अभियान बताया। उन्होंने पतंजलि उत्पादों के समर्थन में आठ माह पूर्व जारी किए गए दारूल उलूम के फतवे को प्रस्तुत किया।
बुधवार को पतंजलि योगपीठ में पत्रकारों से वार्ता करते हुए आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि मैं अब तक यह नहीं समझ पाया हूं कि उक्त मौलवी इस्लाम की किस धारा के प्रतिनिधि हैं और उन्हें पतंजलि उत्पादों के खिलाफ फतवा जारी करने की क्या आवश्यकता हुई।
उन्होंने कहा कि यूं तो सभी धर्म सत्य की बात करते हैं, किन्तु खासतौर से असत्य को इस्लाम में हराम कहा गया है। उक्त मौलवी हराम की बात कर रहे हैं। आचार्य ने बताया कि हिन्दू धर्म में आहार के रूप में गौमूत्र सेवन का कोई विधान नहीं है। केवल औषधी के रूप में ही गौ मूत्र का प्रयोग किया जाता है।
उन्होंने कहा कि पतंजलि के केवल पांच उत्पादों में गौमूत्र का इस्तेमाल होता है। ये उत्पाद गौमूत्र अर्क, फिनाईल के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जाने वाला गोनाईल, पंचगव्य, संजीवनी वटी तथा कायाकल्प तेल है। उन्होंने कहा कि पतंजलि योगपीठ की कार्यशालाओं में अनेकों मुसलमान कार्य कर रहे हैं।
करोड़ों मुसलमान इन उत्पादों का प्रयोग कर रहे हैं। ऐसे में उक्त मौलवी षडयंत्र के तहत हल्की और तथ्यहीन बाते फैलाकर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। आचार्य बालकृष्ण ने पतंजलि उत्पादों के पक्ष में गत आठ माह पूर्व दारूल उलूम देवबंद के एक मुफ्ती द्वारा जारी फतवे का हवाला दिया।