नव वर्ष के शुभागमन पर सभी नागरिकों को शुभकामनाएं। नया क्षितिज, नई आशाएं सामने हैं। नई ऊर्जा और नए संकल्पों के साथ हम सब 2016 का स्वागत करें। अपने हिस्से की खुशियां सब के साथ बांटे और दूसरों के कठिन समय में उनका साथ दें।
लोकहित के संकल्पों को पूरा करने में वर्ष 2015 बीत गया। उपलब्धियों के साथ गौरव के क्षण आए तो विषम परिस्थितियां भी साथ रहीं। अल्प वर्षा से प्रदेश प्रभावित रहा। किसान भाइयों के लिए संकट का समय रहा। सरकार संकट में किसानों के साथ खड़ी रही। नए संदर्भों में पूरे कृषि परिदृश्य की समीक्षा की। कई समाधान सामने आए। पूरी सरकार गांव में पहुंची।
मैं मानता हूं कि किसान सिर्फ व्यक्ति नहीं है, वह देश की अमूल्य मानव पूंजी है। हम कारखानों में विलासिता की कई चीजें बना सकते हैं लेकिन गेहूँ, चावल और दाल कारखानों में नहीं बनतीं। इसलिए जो किसान हमें अन्न उगाकर देते हैं उनके हितों की सुरक्षा सरकार का प्रथम दायित्व है। हमने वो सभी जरूरी कदम उठाए जिनकी किसानों को संकट के समय जरूरत थी। अब कोशिश है कि नए साल में किसान नई ऊर्जा और आत्म-विश्वास के साथ अपना काम शुरू करें।
कई अर्थों में 2015 प्रदेश के लिए हितकारी और मान-सम्मान बढ़ाने वाला वर्ष रहा। दसवें विश्व हिन्दी सम्मेलन की मेजबानी एक चुनौती भरा काम था जो सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। स्वच्छ भारत मिशन में मध्यप्रदेश के योगदान का उल्लेख प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने दो बार लोकप्रिय कार्यक्रम ‘मन की बात’ में किया। देश के विकास परिदृश्य पर नजर रखने वाली विशेषज्ञ संस्थाओं ने मध्यप्रदेश को सबसे तेज गति से प्रगति करने वाला प्रदेश बताया।
विकास की कई अनूठी पहल देश में पहली बार मध्यप्रदेश से शुरू हुईं। घटना-स्थल पर पुलिस की तत्काल सहायता उपलब्ध करवाने के लिए डायल 100 देश में इस प्रकार की पहली योजना है। महिलाओं को शासकीय नौकरियों में 33 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय प्रदेश में सामाजिक परिवर्तन लाने वाला सिद्ध होगा। हम चाहते हैं कि प्रदेश के नवनिर्माण में मातृशक्ति का सृजनात्मक उपयोग हो। जनगणना 2011 के ताजा आंकड़ों से स्पष्ट है कि महिलाएं विकास में अपनी भागीदारी को लेकर उत्साहित हैं और चाहती हैं कि वे अपनी क्षमता और प्रतिभा के अनुरूप नौकरी करें। विकास का हर क्षेत्र उपलब्धियों से भरा है।
अध्यापक संवर्ग को नए साल से छठवें वेतनमान का लाभ मिलने लगेगा। इससे एक लाख 84 हजार अध्यापकों को लाभ मिलेगा। आईआईटी में मध्यप्रदेश के शासकीय विद्यालयों के अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों का चयन मध्यप्रदेश के लिए गौरव की बात थी। यह सिलसिला शुरू हो गया है। नए साल में हमें और ज्यादा मेहनत करनी होगी कि ज्यादा से ज्यादा बच्चे देश के उच्च शिक्षा संस्थानों में जायें और प्रदेश का नाम रौशन करें। विशेषज्ञ स्वास्थ्य सुविधाओं तक आम लोगों की पहुंच भी आसान हुई है।
वर्ष 2015 की शुरूआत से ही हमारी कोशिश थी कि हम युवाओं को उद्यमशील बनाएं। उनमें उद्यमशीलता की भावना आए और वे आगे बढ़ें। मैं चाहता हूं कि हर जिले में युवा उद्यमी तैयार हों। मुझे खुशी है कि कुछ युवाओं ने प्रेरणादायी उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। वे आज सफलतापूर्वक अपना उद्योग चला रहे हैं। उन्होंने न सिर्फ अपने लिए बल्कि अपने अन्य युवा साथियों के लिये भी रोजगार निर्माण किया है। युवा उद्यमी नए साल में नए जोश के साथ नई मंजिलें तय करें।
अंत्योदय दर्शन को हमने हर योजना में अंगीकार किया है। गरीब कल्याण वर्ष में गरीबी उन्मूलन की योजनाओं पर सफलता से अमल कर अधिक से अधिक लोगों को उनका लाभ दिलाया गया। उद्देश्य यही था कि गरीब परिवार कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे। कौशल उन्नयन को मिशन के रूप में लिया गया है। कौशल विकास से रोजगार निर्माण को और बढ़ाना हमारा मिशन है।
एक सुखद अनुभव यह रहा कि नागरिकों ने प्रदेश में धार्मिक सहिष्णुता और सदभाव का अदभुत परिचय दिया। मोहर्रम, विजयादशमी और देवी विसर्जन के धार्मिक अवसरों का एक साथ आना कानून-व्यवस्था के लिये चुनौती था लेकिन ये त्यौहार शांतिपूर्वक सम्पन्न हुए। मुझे प्रदेश के नागरिकों पर गर्व है। मुझे विश्वास है कि नए साल में भी सर्वधर्म समभाव की हमारी गौरवशाली परंपरा ऐसे ही जारी रहेगी।
नए साल में कौशल विकास, रोजगार निर्माण तथा शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य हमारी प्राथमिकताएँ होंगी। यही कामना है कि हर नागरिक प्रगति करे। सबको काम के अवसर मिलें। हर युवा हुनरमंद बने। हर परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आए। सब सुखी हों। सब निरोग हों।
शिवराज सिंह चौहान
मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश