बुलंदशहर। नरौरा में दो साल पहले एक ही परिवार के सामूहिक नरसंहार के मामले में शनिवार को एडीजे-7 गैंगस्टर कोर्ट ने 4 आरोपियों को दोषी मान लिया है। इन आरोपियों को 8 जनवरी को सजा सुनाई जाएगी।
23 जनवरी 2014 की घनी अंधेरी रात को नरौरा क्षेत्र के गांव पिलखना मौसम खान के बेटे मौमीन ने अपनी मां-पिता, भाई-भाई और भतीजे, भानजी समेत आधा दर्जन लोगों की हत्या कर दी थी।
बेहद दरिंदगी से मौमीन ने अपनी पत्नी और परिवार के दो और लोगो के साथ मिलकर सबको धारदार हथियार से काटकर मार डाला। इस वारदात के दौरान घर में छुपे मौसम खान के दूसरे बेटे ने अपनी पत्नी समेत किसी तरह अपनी जान बचाई।
पुलिस के खुलासे के बाद दो साल की सुनवाई के दौरान चश्मदीद गवाहों के बयानों और मौके के सबूतों के आधार पर इन आरोपियों पर अदालत ने शनिवार को दोष सिद्ध कर दिए है।
इसलिए वारदात को दिया अंजाम
मौसम खान के सबसे छोटे पुत्र मोमीन ने वारदात को इस लिए अंजाम दिया क्योंकि उसके मां-बाप ने उसे एक एक पैसे को तरसा दिया था। जब भी वह घर के खर्च के लिए रुपए मांगता था तो उसके मां-बाप व बड़ा भाई शौकिन उसे कमाने की लानत देते थे।
मोमीन 4 बच्चों का पिता है। पिता के नाम पर गांव में 20 बीघे जमीन व एक ईट भटटा है। जो इलाके में नामी गिरामी है। मोमीन इधर उधर दिहाडी मजदूरी करके अपने घर का खर्च चलाता है।
पुलिस कस्टडी में मोमीन ने बताया कि उसने गन्ना छीलने वाली दराती व चाकूओं से इस वारदात को अंजाम दे दिया। उसने शुक्रवार की रात साढ़े नौ बजे अपने पिता, मां, भाई, भाभी, भतीजा, भांजी सभी को काट डाला। जिनकी दर्दनाक मौत हो गई।
ऐसे दिया वारदात को अंजाम
मोमीन ने पुलिस को बताया कि सबसे पहले उन तीनों ने मोमीन के बडे भाई शौकीन और उसकी पत्नी सन्नों को काट डाला। उनकी चीख पुकार भी नहीं निकलने दी। इसके बाद मोमीन ने जेखम और उसके पुत्र साजिद को आंगन में खडा कर दिया। मोमीन ने अपने पिता मौसम खान व मां असगरी को काट डाला।
उनकी चीख पुकार सुनकर बराबर के कमरे में शौकीन का बेटा समद व भांजी मुस्कान बाहर आ गए। बाहर आते ही जेखम और उसके पुत्र साजिद ने उनके ऊपर हमला बोल दिया। जब वे जमीन पर गिरकर तडपने लगे तो मोमीन ने अपने भतीजे और भांजी के शरीर पर गन्ना छीलने वाली दराती से 20-20 वार किये। जिनकी तड़प कर मौत हो गयी।
दरवाजे पर पुलिस थी और घर के अंदर मौत का मंजर
मोमीन अपने दोनो साथियों के साथ अपने परिवार के लोगों को बेदर्दी से काट रहा था तो उनकी चीखपुकार सुनकर गांव में गश्त कर रहे पुलिस वाले उसके दरवाजे को पीट रहे थे। अन्दर से मोमीन ने पुलिसवालों को यह कहकर टरका दिया कि परिवार का मामला है आपस में झगड रहे है। मोमीन ने पुलिस को बताया कि उसने दोनों साथियों के साथ इस घटना को केवल 20 मिनट में फाईनल अंजाम दे दिया था।
अभियोजन पक्ष के वकील नवनीत शर्मा ने बताया कि गैंगस्टर कोर्ट के जज एडीजे-7 सुनील कुमार ने चारो अभियुक्तों को दोषी माना गया है। 303 आईपीसी, सेक्शन 34 आईपीसी और 25 आरमस एक्ट में दोषी माना है। बताया कि इन आरोपियों को 8 जनवरी को सजा सुनाई जाएगी।