पुणे/मुंबई। पुणे के मारुंजी गांव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पश्चिम महाराष्ट्र प्रांत की ओर से 3 जनवरी 2016 को आयोजित शिवशक्ति संगम को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहाकि भारतीय संस्कृति की विश्वभर में प्रशंसा हो रही है। अपना देश शिव को मानने वाला है, इसलिए शिवराया का स्मरण करना ही चाहिए।
गौरतलब है कि पुणे के मारुंजी गांव में आयोजित शिवशक्ति संगम कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के डेढ लाख से अधिक स्वयंसेवक शामिल हुए हैं। यह संघ का अब तक का सबसे बड़ा आयोजन है।
इस कार्यक्रम को खास बनाने के लिए 80 फीट उंचे एक भव्य मंच का निर्माण किया गया है। मंच तक पहुंचने के लिए लिफ्ट भी लगाई गई है।
शिवशक्ति संगम को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहाकि विविधता में भेदभाव नहीं करना चाहिए, सभी समता का रूप अपनाएं। समता में ही सब कुछ निहित है, क्योंकि जो व्यक्ति सत्यनिष्ठ नहीं होगा, वह शीलसंपन्न हो ही नहीं सकता है।
आज भारतीय संस्कृति की विश्वभर में प्रशंसा हो रही है। हमारी संस्कृति महान है, जिसका अनुसरण विदेशों में हो रहा है। सभी स्वयंसेवक छत्रपति शिवाजी महाराज को अपना आदर्श मानें और उनका स्मरण करें। जब राष्ट्र सशक्त होगा, तो उसकी पूछ चारों ओर होगी, दुर्बल राष्ट्र की अच्छाइयों को कोई नहीं पूछता है। बडे और छोटे में कोई भेदभाव नहीं करना चाहिए।
प्रांत संघचालक नाना जाधव के अनुसार इस शिविर में पश्चिमी महाराष्ट्र के सात जिलों पुणे, सोलापुर, सतारा, कोल्हापुर, सांगली, नासिक और अहमदनगर नगर से 1 लाख 58 हजार 748 स्वयंसेवक गणवेष पहनकर शामिल हुए। हालांकि इसमें महाविद्यालयीन विद्यार्थी की संख्या अधिक है।
शिवशक्ति संगम महाशिविर में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अपने मंत्रिमंडल के अधिकांश मंत्रियों के साथ शामिल हुए। इस कार्यक्रम के लिए 200 फीट लंबा, 100 फीट चौड़ा और 80 फीट ऊंचा भव्य मंच लकडी से बनाया गया है। इस पर शिवाजी महाराज की 35 फीट उंची प्रतिमा लगाई गई है।
मुख्य स्टेज पर शिवाजी महाराज के तोरणा गढ़ (किले) और रायगढ़ किले की प्रतिकृति बनाई गई है। मंच के पास ही 70 फिट ऊंचा ध्वज स्तंभ खड़ा किया गया है। मंच की पहली मंजिल पर महाराष्ट्र के संतों की मूर्तियां रखी गई हैं।
450 एकड़ जमीन पर आयोजित इस शिविर के कार्यक्रम स्थल में एंट्री के लिए 13 प्रवेश द्वार बनाए गए हैं। इन प्रवेश द्वारों पर महाराष्ट्र के विभिन्न किलों की प्रतिकृति बनाई गई है। एमरजेंसी के लिए 13 एम्बुलेंस और 200 डॉक्टरों की टीम तैनात है।