कोलकाता। निर्देशक सुमन घोष का कहना है कि उनकी फिल्म ‘पीस हेवन’ मौत का मजाक उड़ाती है लेकिन जिंदगी का मतलब बताती है।
इस फिल्म में सोमित्र चटर्जी मुख्य भूमिका में है। यह फिल्म तीन दोस्तों की कहानी है जो अपनी उम्र के 70वें पड़ाव पर हैं। उन्होंने अपने कफन दफन का खुद इंतजाम किया और इसी कोशिश के दौरान जिंदगी का मतलब जाना।
सुमन ने कहा कि ‘पीस हेवन’ के किरदार मौत की बात करते हैं लेकिन यह नकारात्मक फिल्म नहीं है। वे जानते हैं कि वे इसे टाल नहीं सकते हैं। मौत का सामना करने के दौरान उन्हें जिंदगी का अहसास होता है।
उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में, वूडी एलन की कुछ फिल्में मेरे ध्यान में आईं। हालांकि नाम पीस हेवन का सुझाव भी मिला, लेकिन इसमें कुछ गलत नहीं है।