अजमेर। बिरला सिटी वाटर पार्क में आज से अजमेर लिटरेचर फेस्टिवल शुरू होगा। तीन दिवसीय फेस्टिवल का उदघाटन सुबह साढ़े दस बजे होगा। उदघाटन सत्र में उमराव जान व गबन जैसी फिल्मों के निर्माता पदमश्री मुज्जफर अली औरप्रसिद्ध पटकथालेखिका मीरा अली, नगर निगम के मेयर कमल बाकोलिया और कलेक्टर भवानीसिंह देथा अजमेर में पहली बार होने वाले राष्ट्रीय स्तर के लिटरेचर फेस्टिवल में देश के जाने माने बुद्धिजीवी, साहित्यकार, पत्रकार और कलाविद् भाग ले रहे हैं।
संयोजक रासबिहारी गौड़ ने बताया कि उदघाटन सत्र के बाद दोपहर 12.30 से 1.30 बजे तक पहला सत्र पधारों सा होगा। बारादरी पंडाल में होने वाले इस सत्र मेेंं फिल्मकार मुज्जफर अली के साथ मशहूर शायर शीन काफ निजाम आगाजे गुफ्तंगु करेंगे। इस सत्र में अजमेर, लोक, सूफीयत, फिल्म, समाज और चुनौतियां पर चर्चा होगी। दूसरा सत्र ढाई आखर दोपहर दो बजे से साढ़े तीन बजे तक चलेगा। ढाई दिन का झौंपड़ा पांडाल में होने वाले इस सत्र का विषय सूफीयत और प्रेमतत्व रहेगा। इसमें अलीगढ़ विश्वविद्यालय के लियाकत मोईनी और महावीर वर्धमान खुला विश्वविद्यालय के युसुफ खान शिरकत करेंगे।
तीसरा सत्र दोपहर ढाई बजे से चार बजे तक होगा। गऊ घाट पांडाल में राजस्थान की माटी का आभास कराने वाले इस सत्र का विषय राजस्थानी लोक की चुनौतियां होगा। जिसमें राजस्थानी साहित्यकार नंद भारद्वाज साहित्य अकादमी के पूर्व समन्वयक एवं साहित्यकार अर्जुन देव चारण एवं राजस्थानी भाषा के साहित्यकार पदमश्री सीपी देवल चर्चा करेंगे। सत्र मध्यस्थता उमेश चौरसिया करेंगे।
बारादरी पांडाल में होने वाले चौथे सत्र का विषय खबरे उत्पाद, पाठक उपभोक्ता होगा। चौथा स्तंभ नामक यह सत्र दोपहर तीन बजे से साढ़े चार बजे तक चलेगा। वर्तमान परिपे्रक्ष्य में हो रहे समाचारों के बाजारीकरण से जुड़े इस सत्र में जयपुर दूरदर्शन के उपनिदेशक एवं कवि कृष्ण कल्पित, भाषाविद, युवा कवि व पत्रकार आलोक श्रीवास्तव तथा इलेक्ट्रिोनिक एवं पिं्रट मीडिया के वरिष्ठ पत्रकार अनिल लोढा भाग लेंगे। इस सत्र का समन्वयन डॉ.रमेश अग्रवाल करेंगे।
शाम साढ़े चार से साढ़े पांच बजे तक पांचवा सत्र गुफ्त्गूं होगा। इसमें मशहूर शायर शीन काफ निजाम लोगों से रूबरू होंगे। मिलिए अपने शायर से नामक इस सत्र में शीन काफ लोगों से सीधा संवाद करेंगे । सत्र का समन्वयन डॉ. एसएन माथुर करेंगे। यह सत्र गऊघाट पांडाल में होगा। सभी सत्रों के बाद दर्शक अपनी जिज्ञासा के समाधान के लिए प्रश्र पूछ सकेंगे। सर्वश्रेष्ठ प्रश्र को पुरस्कृत भी किया जाएगा।
आयोजन समिति के सोमरत्न आर्य ने बताया कि फेस्टिवल में प्रवेश हेतु निशुल्क रजिस्ट्रशन समारोह स्थल पर भी हो सकेगा। सभी सत्रों में वृद्धजन, महिलाएं और विद्यार्थियों के बैठने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।
अजमेर लिटरेरी सोसायटी की बैठक में आयोजन के सफल संचालन के लिए विभिन्न समितियों का गठन किया गया है। जिसमें रमेश ब्रहमवर, दिलीप पारीक, नवीन सोगानी, विनोद शर्मा, गोपालसिंह चौहान, शरद खंडेलवाल, गिरीश टांक और डॉ. संजय भार्गव, सुरेश मंगल, श्रीराम फतहपुरिया और ललित जैन व्यवस्थाओं को अंजाम देंगे। कार्यक्रम स्थल पर कला दीर्घा भी होगी। शहर के जाने माने चित्रकारों के चित्रों की प्रदर्शनी और साहित्यकारों की किताबों की दीर्घा भी लगाई जाएगी। लोगों के वाहनों के लिए पार्किंग की भी विशेष व्यवस्था की गई। फेस्टिवल में शुक्रवार को सात सत्र होंगे।