कानपुर। मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले की आंच अभी तक मेडिकल कालेज तक ही पहुंची थी। लेकिन जब सीबीआई का भेजा हुआ सम्मन चाय का ठेला लगाने वाले राजू को पुलिस ने थमाया तो उसके होश उड़ गए। उसे व्यापम घोटाले के एक आरोपी के खिलाफ साक्ष्य देने के लिए बुलाया गया है।
बर्रा निवासी राजेन्द्र कुमार उर्फ राजू करीब बीस साल से हैलट के पास चाय का होटल लगा रहा है। जब एमपी पुलिस के सिपाही ने उसे व्यापम घोटाले में सम्मन थमाया तो उसके होश उड़ गए।
वह सिपाही से ही पूछने लगा कि उसे किस अपराध में बुलाया गया है और यह व्यापम है क्या। राजू ने यह भी बताया कि केस के आरोपी सुरेन्द्र तारोलिया को जानता तक नहीं। फिर भी उसे सम्मन थमा दिया गया है। सम्मन में 13 जनवरी को राजू को मध्य प्रदेश के सागर स्थित सीबीआई कोर्ट में हाजिर होना है।
व्यापम स्कैम का बेस कानपुर
व्यापम स्कैम में यूपी के कई मेडिकल कॉलेज बेस थे, जिनमें कानपुर सभी सौदेबाजी का केंद्र रहा है। एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक घोटालेबाजों की मदद के लिए सॉल्वर के रूप में काम करने वाले करीब 125 संदिग्धों में 58 से ज्यादा कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज (जीएसवीएम) के हैं।
इनमें से कुछ वर्तमान छात्र और कुछ पूर्व छात्र रह चुके हैं। इसके अलावा आगरा मेडिकल कॉलेज, इटावा के सैफई मेडिकल कॉलेज, लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के कुछ मेडिकल छात्र भी पीएमटी परीक्षा में मुन्नाभाई बने थे। ये सभी एसटीएफ की रडार पर हैं।
राजधानी में भी हुई थी छापेमारी
लखनऊ के चिनहट थानाक्षेत्र में मध्य प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव के पूर्व ओएसडी धनराज यादव के घर पर भी छापा मारा गया। सीबीआई टीम ने सुरेंद्र नगर के उर्मिला पूरी कॉलोनी के मकान नंबर 83/164 से कई फाइलें सील की हैं और मकान में मौजूद लोगों से भी पूछताछ की। इतना ही नहीं, लखनऊ के चिनहट स्थित एक मकान के तार हजारों करोड़ के व्यापम से कैसे जुड़ रहे हैं? इस बारे में सीबीआई ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया।