पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बिहार मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 23 फैसलों पर मुहर लगी है। इनमे सबसे महत्वपूर्ण निर्णय आनेवाली बॉलीवुड फिल्म ‘चाक एंड डस्टर’ को टैक्स फ्री किया जाना है।
स्कूल में बच्चों और शिक्षकों के रिश्ते पर बनी यह फिल्म इसी सप्ताह शुक्रवार 15 जनवरी को रिलीज़ होनेवाली है। फिल्म में इंडस्ट्री की कुछ बेहतरीन एक्ट्रेसेज नजर आएंगी जिनमे जूही चावला, शबाना आज़मी, जरीना बहाव और दिव्या दत्ता इत्यादि शामिल हैं। इसके अलावा एक और महत्वपूर्ण निर्णय में पटना स्थित ‘कॉलेज ऑफ कॉमर्स’ का नाम बदलकर अब इसे ‘कॉलेज ऑफ कॉमर्स, आर्ट्स एंड साइंस’ किया जाएगा।
1949 में स्थापित मगध यूनिवर्सिटी, बोधगया के अंतर्गत आनेवाला यह कॉलेज राजधानी में शिक्षा का एक प्रमुख संस्थान है। कैबिनेट ने जेल में बंद कैदियों को दी जानेवाले मजदूरी और अपराध पीड़ित परिवारों को दी जानेवाली सहायता पर भी फैसला किया है साथ ही सरकार ने निर्णय लिया है कि राज्य में संभावित शराबबंदी के बाद होने वाली राजस्व की हानि से निपटने के लिए आय के अन्य स्रोत तलाशे जाएंगे।
मंत्रिमंडल के फैसले की जानकारी देते हुए मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि ऊर्जा विभाग के अन्तर्गत राज्य के विद्युत वितरण कम्पनियों के लिए ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार का ऑफिस मेमोरेण्डम के अनुसार उदय योजना की स्वीकृति एवं दोनों वितरण कम्पनियों नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कम्पनी लिमिटेड एवं साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कम्पनी का 30.09.2015 तक कुल बकाया ऋण की राशि 3109.05 करोड़ रूपए का 50 प्रतिशत यानि 1554.52 करोड़ रूपए वित्तीय वर्ष 2015-16 में तथा वित्तीय वर्ष 2016-17 में ऋण की राशि का 25 प्रतिशत यानि 777.26 करोड़ रूपए का राज्य सरकार द्वारा निर्गत करने की स्वीकृति दे दी गई।
इसके अलावा बॉण्ड से प्राप्त राशि दोनों वितरण कम्पनियों को अनुदान स्वरूप उपलब्ध कराने की स्वीकृति दी गई। सामान्य प्रशासन विभाग के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 में बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा एवं अन्तर्वीक्षा के लिए पांच करोड़ रूपए की बिहार आकस्मिकता निधि से अग्रिम की स्वीकृति दी गई।
विधि विभाग के अन्तर्गत 14वें वित्त आयोग के अंतर्गत 38 अतिरिक्त न्यायालय, 147 त्वरित न्यायालय एवं 10 अतिरिक्त अपर प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय के लिए अस्थायी वर्ग के कुल 780 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई।
प्रधान सचिव मंत्रिमंडल ने बताया कि वित्त विभाग के अन्तर्गत 01 अक्टूबर 1953 से लागू बिहार बजट हस्तक को निरसित करते हुए नया बिहार बजट हस्तक (मैनुअल), 2016 को लागू करने की स्वीकृति दी गई। अनु.जाति एवं अनु.जनजाति कल्याण विभाग के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 में बिहार राज्य अनु. जाति सहकारिता विकास निगम लि. को सहायक अनुदान वेतन इत्यादि के लिए तीन करोड़ की स्वीकृति दी गई। कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के अन्तर्गत बिहार राज्य खेल प्राधिकरण पटना को वित्तीय वर्ष 2015-16 में स्थापना व्यय के लिए एक करोड़ पचीस लाख सहायक अनुदान की स्वीकृति दी गई।
इसके अलावे कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के अन्तर्गत भारत स्काउट और गाईड बिहार के स्थापना व्यय एवं कार्यक्रम संचालन के लिए गैर योजना मद से वित्तीय वर्ष 2015-16 में दस लाख रूपये सहायक अनुदान की स्वीकृति दी गई। कृषि विभाग माननीय उच्च न्यायालय द्वारा 1210-2013 एवं अन्य समविषयक में पारित आदेश के आलोक में राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर एवं बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर के शिक्षकों/वैज्ञानिकों की सेवा निवृत्ति की उम्र सीमा 62 वर्ष से 65 वर्ष संशोधित करने की स्वीकृति दी गई।
प्रधान सचिव ने कहा कि वित्त विभाग के अन्तर्गत गैर-व्यवसायिक भत्ता विचारण समिति की अनुशंसाओं के क्रियान्वयन की स्वीकृति दी गई। सामान्य प्रशासन विभाग के अन्तर्गत माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सिविल अपील संख्या 3385/2012 में पारित आदेश के अनुपालन के लिए खगड़िया जिला में अर्जित भूमि के मुआवजे के भुगतान के लिए वित्तीय वर्ष 2015-16 में कुल तेरह करोड़ पांच लाख इक्यानवे हजार रूपए का बिहार आकस्मिकता निधि से अग्रिम तथा तेरह करोड़ बाईस लाख बानवे हजार पांच सौ ग्यारह रूपयेके प्रशासनिक एवं व्यय की स्वीकृति भी दी गई।
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अन्तर्गत बिहार उर्दू अकादमी पटना को वित्तीय वर्ष 2015-16 में सहायक अनुदान वेतन के लिए चालीस लाखत तथा शिक्षा विभाग के अन्तर्गत मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के अंतर्गत अंगीभूत महाविद्यालय, कॉलेज ऑफ कॉमर्स का नाम परिवर्तित कर ‘‘कॉलेज ऑफ कॉमर्स, आटर्स एण्ड साईंस‘‘ करने की पर भी मुहर लगा दी गई। स्वास्थ्य विभाग के अन्तर्गत इन्दिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान, शेखपुरा, पटना को स्थापना व्यय के वहन के लिए गैर-योजना मद से वित्तीय वर्ष 2015-16 में द्वितीय किस्त के रूप में पचास करोड़ के अनुदान की स्वीकृति प्रदान की गई तथा योजना एवं विकास विभाग के अन्तर्गत बिहार सांख्यिकी सेवा (संशोधन) नियमावली, 2015 की स्वीकृति प्रदान की गई।