कानपुर। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की आशा यात्रा पर जिला प्रशासन ने पानी फेर दिया। हजारों की संख्या में लोग दूर-दूर से आए थे, लेकिन उन्हें 30 हजार जनसंख्या वाले ग्रीनपार्क पर रोकने से मना किया गया, जबकि पूरा स्टेडियम खाली पड़ा था।
सपा विधायक सतीश निगम को भी गेट के अंदर नहीं जाने दिया। बाद में आलाधिकारियों ने विधायक को देखा तो उन्हें प्रवेश करवाया। प्रशासन की अव्यवस्था का खामियाजा आम जनता के साथ यात्रा में शामिल होने आए लोगों को झेलनी पड़ी।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कार्यक्रम की तैयारियां यूं तो कई हफ्तों से चल रही थी लेकिन कार्यक्रम के दिन मंगलवार को तैयारियां फेल साबित हुई। पहले तो फूलबाग से मुख्यमंत्री का ग्रीनपार्क तक पैदल यात्रा करने का प्रोग्राम निरस्त हुआ। फिर सुरक्षा कारणों के चलते पुलिस लाइन से ही मुख्यमंत्री की फ्लीट ग्रीन पार्क पहुंची। वहीं दूसरे जनपदों से यात्रा में शामिल होने से आए लोगों को ग्रीन पार्क में कहां से दाखिल हो, इसकी भी जानकारी नहीं थी।
प्रशासन की ओर से इसकी कोई व्यवस्था भी नहीं की गई थी और न ही कोई सांकेतक बोर्ड लगाए गए थे। सभी मेन गेट से होकर वीवीआईपी पवेलियन से अंदर मैदान में बनाए गए स्टेज तक पहुंचने की कोशिश में लगे रहेे। पहले से जानकारी न होने के चलते पुलिस प्रशासन भी परेशान था कि किसको अंदर जाने दिया जाए और किसको रोकें। यात्रा में विदेश से शामिल होने आए कुछ लोगों तो वीवीआईपी पवेलियन के बाहर गेट के पास खड़े रहे और कार्यक्रम में शरीक नहीं हो सके। अंदर आने को सपाइयों और पुलिस की काफी नोकझोंक भी हुई।
तैयारियों का आलम व अव्यवस्था ऐसी थी कि मीडियाकर्मियों को भी प्रवेश को लेकर जद्दोजहद करनी पड़ी। इस दौरान पुलिस अफसरों से लेकर कर्मियों ने सपाईयों द्वारा की गई नोकझोंक का गुस्सा मीडियाकर्मियों पर निकालना शुरू कर दिया और धक्का-मुक्की की गई। जिसमें अल्पसख्यंक बोर्ड की सदस्य भी गिर गई। धक्का-मुक्की करने वालों में डिप्टी एसपी से लेकर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण तक शामिल रहे। बात बिगड़ती देख एसीएम योगेन्द्र कुमार पहुंचे और मामला संभाला और मीडिया कर्मियों को अंदर प्रवेश कराया।
एसएसपी ने संभाली कमान
मेन गेट पर सपाइयों के जबरन अंदर घुसने की सूचना के बाद एसएसपी शलभ माथुर मौके पर पहुंचे और उन्होंने मामला शांत कराया। इसके पहले एसपी ग्रामीण और पुलिसकर्मियों ने सपाइयों को अंदर जाने से रोके जाने के दौरान गेट का एक शीशा भी टूट गया। एसएसपी ने अपने अफसरों के साथ मिलकर लोगों को प्रवेश करवाया। वहीं धक्कामुक्की के दौरान कई लोग घायल भी हुए।
दरअसल यात्रा में शामिल होने आए लोगों के साथ कई स्कूल के बच्चे भी मौजूद थे। प्रवेश कहां से करना है इसकी जानकारी प्रशासन ने नहीं दे रखी थी। ग्रीनपार्क को सिर्फ एक गेट खुला था। जिस तरफ से मुख्यमंत्री को प्रवेश करना था उस तरफ ही पूरी भीड़ पहुंचती जा रही थी। जिला प्रशासन की लापरवाही का आलम यह था कि गेट पर प्रवेश के दैरान हो रही धक्कामुक्की के समय कोई भी प्रशासनिक अफसर मौजूद नहीं था।
चोरों की धमा चैकड़ी, उड़ाए मोबाइल व पर्स
ग्रीन पार्क में आशा यात्रा में शामिल होने के लिए आए लोगों की भीड़ में शहर के शातिर चोर शामिल हो गए। चोरों ने इस भीड़ का फायदा उठाते हुए शुक्लागंज से आए बीएससी प्रथम वर्ष के छात्र अश्वनी साहू को मोबाइल व पर्स पर हाथ साफ कर दिया। जबकि एक लखनऊ से आई प्रतिष्ठित चैनल की यूपी ब्यूरो हेड के मोबाइल पर चोरों ने हाथ साफ कर दिया। चोर यहां भी नहीं रुके और उन्होंने घाटमपुर से आई आशा बहू के पर्स से पांच हजार रुपए समेत मोबाइल पार कर दिया। चोरों के शिकार पीडि़तों ने बिना किसी से शिकायत कहे वह चुपचाप वापस घर चले गए।