जगदलपुर। छत्तीसगढ़ की बस्तर पुलिस के समक्ष शुक्रवार को 3 गांव के 30 माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें से 19 मुंडागढ़, 7 मारडूम और 11 लोहंडीगुड़ा इलाके के बताए गए हैं। सभी सरेंडर्ड नक्सली कांगेर वैली नेशनल पार्क और कुदूर दलम के सक्रिय सदस्य रह चुके हैं।
बस्तर आईजी एसआरपी कल्लूरी ने बताया कि समर्पित माओवादियों में एक लाख के 3 इनामी नक्सलियों में जनमिलिशिया कमांडर महंगूराम नाग, डीएकेएमएस अध्यक्ष (कांगेर वैली एसीएम) ग्राम मुंडागढ़ राजूराम मरकाम, डीएकेएमएस अध्यक्ष (कांगेर वैली एसीएम) ग्राम काचिररास सुक्का सोढ़ी के अलावा डीएकेएमएस (दंडकारण्य आदिवासी मजदूर संघ) सदस्य, संघम सदस्य, जनमिलिशिया मेंबर शामिल हैं। सभी 30 समर्पित नक्सली मूलत: ग्राम मुंडागढ़, हथकली, ककनार, रायगोंदी, बुरगुम और चंदेला के रहने वाले बताए गए हैं।
खत्म होने लगा लाल आतंक – कल्लूरी
कल्लूरी ने खुलासा करते बताया कि 25 दिसंबर 2015 को दरभा इलाके के चांदामेटा में हुई मुठभेड़ में कमांडर चैनू के मारे जाने के बाद लाल नक्सल आतंक समाप्त सा हो गया, जिसके बाद नक्सलियों की खोखली विचारधारा से त्रस्त इन सभी लोगों ने आत्मसमर्पण करने की इच्छा जाहिर की।
इसी तरह लोहंडीगुड़ा और मारडूम इलाके में पुलिस की लगातार गश्त के दौरान संपर्क में आए माओवादियों ने समर्पण करने की इच्छा जाहिर की। उन्होंने कहा कि 19 सितंबर को सीमाई प्रांत ओडि़शा में हुई मुठभेड़, 29 दिसंबर को पड़ोसी प्रांत तेलंगाना की मुठभेड़ और 11 जनवरी को महाराष्ट्र और बीजापुर की सीमा में हुआ एनकाउंटर इंटर स्टेट कोआर्डिनेशन का बेहतरीन उदाहरण है।
समर्पण से नक्सलवाद को लगा तगड़ा झटका
बस्तर एसपी आरएन दाश ने बताया कि इनके खिलाफ बस्तर जिले के अलग-अलग थानों में पुलिस से हुई मुठभेड़, सडक़ काटने, पुलिस जवानों पर फायरिंग करने, यूएपीए, जनसुरक्षा अधिनियम, हत्या, बारूदी सुरंग विस्फोट, सरकारी भवनों में तोडफ़ोड़ के अलावा आम्र्स एक्ट के प्रकरण पंजीबध्द हैं। इनके समर्पण से नक्सल संगठन को तगड़ा झटका लगा है।
कलेक्टर ने प्रदान की प्रोत्साहन राशि
बस्तर कलेक्टर अमित कटारिया ने आत्मसमर्पित नक्सलियों को प्रोत्साहन स्वरूप 10-10 हजार रुपए की राशि प्रदान करते हुए कहा कि समर्पितों को शासन की पुनर्वास नीति के तहत् लाभान्वित किया जाएगा।