चंडीगढ़। उद्योगों को सहायता राशि जारी न करने के विरोध में दायर एक याचिका पर सुनवाई के दौरान पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि एक तरफ तो पंजाब सरकार फंड न होने की बात कह रही है दूसरी तरफ मुफ्त तीर्थ यात्रा कराई जा रही है।
ऐसे में चीफ सेक्रेटरी बताएं कि जब उद्योगों के लिए फंड नहीं है तो फिर तीर्थ यात्रा के लिए भुगतान कहां से किया जाएगा। जस्टिस राजेश बिंदल ने कहा कि पंजाब सरकार उद्योगों को सहायता राशि उपलब्ध करवाने में असमर्थता जता रही है।
कहा जा रहा है कि उनके पास फंड नहीं है। इसके ठीक उलट सरकार ने स्कीम शुरू करके लोगों को मुफ्त में तीर्थ यात्रा करवाने का निर्णय ले लिया। यह कैसे संभव है। मामले पर 20 जनवरी के लिए अगली सुनवाई तय की गई है।
मुदगिल फैशन एक्सपोर्ट कंपनी की तरफ से याचिका दायर कर कहा गया कि पंजाब सरकार ने 1996 में मॉडर्नाइजेशन स्कीम आरंभ की थी। इस स्कीम के तहत लघु उद्योगों को पांच करोड़ रुपए जारी करने का प्रावधान रखा गया था। इसके बावजूद पंजाब सरकार उन्हें यह राशि जारी नहीं कर रही है।
हाईकोर्ट में मामले पर लगातार सुनवाई चल रही थी। इस बीच पंजाब सरकार की ओर से जवाब दायर कर कहा गया कि फंड की कमी के चलते वे यह राशि उपलब्ध नहीं करवा पा रहे हैं। इस पर जस्टिस बिंदल ने मुख्यमंत्री द्वारा आरंभ की गई मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा स्कीम का हवाला देते हुए पूछा कि सरकार के पास फंड नहीं है तो फिर मुफ्त तीर्थ यात्रा कैसे करवाई जा रही है।
हाईकोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई के दौरान चीफ सेक्रेटरी इस बारे में जवाब दाखिल कर बताएं कि किस फंड से और किस तरह इस यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। हाल ही में इस योजना का प्रमुखता से प्रचार किया गया था।
योजना के अनुसार पंजाब सरकार ने आईआरसीटीसी से करार किया है। इसके तहत नांदेड साहिब, वाराणसी, अजमेर शरीफ और कटरा आदि तीर्थ स्थलों के लिए विशेष ट्रेन चलाने की योजना बनाई गई थी।