बुलंदशहर। महज 14 साल की एक बच्ची ने बीते 11 सालों से खाना नहीं खाया है। बच्ची एक अनजान बीमारी की शिकार है। इस बच्ची की बत्तीसी जरा भी नहीं खुलती।
लाखों रूपए खर्च होने के बाद भी अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज और एम्स के डाक्टर उसकी बीमारी का पता नहीं लगा सके हैं। अब मुख्यमंत्री इस बच्ची के इलाज का खर्च उठाएंगे।
बुलंदशहर के डिबाई की रहने वाली मासूम बच्ची रहमत कक्षा 9 की मेधावी छात्रा है। रहमत इस बीमारी से निजात पाना चाहती है।
वहीं, रहमत के पिता मुहब्बत मलिक बेटी के इलाज के लिए लाखों रुपया खर्च कर चुके हैं। लेकिन 11 साल बीत जाने के बाद भी रहमत को कोई फायदा नहीं हुआ। अब मुहब्बत की माली हालत भी खराब हो चुकी है।
रहमत ने अपने इलाज के लिए यूपी के सीएम अखिलेश यादव से मदद की गुहार की थी। जिससे सीएम अखिलेश यादव ने सुना और बुलंदशहर की जिलाधिकारी को निर्देश दिए।
रहमत मन-ही-मन में गुनगुना सकती है, लेकिन कई लफ्ज नहीं बोल पाती, क्योंकि उसकी जुबान दांतों के पीछे कैद है। दांतों के जकड़े होने के कारण वह कुछ खा भी नहीं सकती।
पिछले 11 सालों से वह दूध-चाय व अन्य पेय पदार्थों पर ही जीवित है। रहमत के पिता मोहब्बत ने बताया कि रहमत जब महज तीन साल की थी, तब से उसका मुंह खुलना ही बंद हो गया।
अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने उसका 6 साल तक इलाज किया। साथ ही उसकी सर्जरी भी की गई, लेकिन उसका मुंह नहीं खोला जा सका। इसी दौरान उसके गले में गांठ हो गई।
उसे दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया, लेकिन 2 साल की टेस्टिंग के दौरान डॉक्टर उसकी गांठ नहीं निकाल सके। एक दिन वह गांठ अचानक फूट गई।
रहमत कैरम की माहिर खिलाड़ी है। उसका ख्वाब है आईएएस बनकर पिता का नाम रोशन करना। विज्ञान की बेहद मेधावी छात्रा रहमत इस बीमारी से निजात चाहती है।
उसके पिता उसकी बीमारी के खर्चों के चलते लाखों रुपए के कर्ज से दब गए हैं। रहमत अपनी मदद के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से उम्मीद लगाए बैठी है।
सीएम ने मदद के लिए बढाए हाथ
यूपी के सीएम अखिलेश यादव को जब रहमत की अज्ञात बीमारी के बारे में पता चला तो उन्होंने रहमत के इलाज के लिए हाथ आगे बढाए हैं। मुख्यमंत्री ने बुलंदशहर की डीएम बी.चन्द्रकला को निर्देश दिए हैं कि बच्ची का स्वास्थ्य परीक्षण मुख्य चिकित्साधिकारी से करवाएं और उसकी मेडिकल रिपोर्ट शासन को भेजें।
जिलाधिकारी बी चन्द्रकला ने बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय से निर्देश प्राप्त होने के बाद बच्ची के घर सीएमओ के निर्देशन में एक टीम भेजी गई है। जो बच्ची का स्वास्थ्य परीक्षण करके अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
उन्होंने बताया कि बच्ची के परिवार की माली हालत जानने के लिए एसडीएम डिबाई को भी भेजा गया है। उन्होंने बताया कि सीएमओ और एसडीएम की रिपोर्ट को मुख्यमंत्री कार्यालय भेज दिया जाएगा।