सिरोही। रामपुरा रोड स्थित बैदनाथ मंदिर में रविवार को नगर परिषद् चुनावों के लिए भाजपा के पर्यवेक्षक नारायण सिंह देवल ने गोपालन राज्य मंत्री और स्थानीय विधायक ओटाराम देवासी के साथ आवेदकों के साक्षात्कार किये। इस दौरान उन्होंने कि इस चुनाव में सबको एकजुटता के साथ होकर जीत हासिल करनी है। देवासी और देवल ने सभी से कहा कि लोगों के बीच भाजपा सरकार के काम को जनता के बीच ले जाएँ और उनसे विकास के नाम पर वोट मांगें।…
देर रात तक रही भीड़
पर्यवेक्षक के समक्ष अपनी मजबूत स्थिति का दावा करने के लिए कई आवेद्क्क अपने समर्थकों के साथ पहुंचे। लेकिन, देवल और देवासी ने सबसे व्यक्तिगत रूप से ही मुलाकात की। इन लोगों से इनकी जीत का आधार पूछा।
हर वर्ग के लोग
साक्षात्कार के लिए हर वर्ग के लोग पहुंचे, लेकिन सभापति की सीट ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित होने से ओ बीसी बहुल तथा ओबीसी के लिए आरक्षित वार्डों में ज्यादा लोग आवेदन करने के लिए पहुंचे।
ये सीट सबसे हॉट
ओबीसी के लिए आरक्षित वार्डों के अलावा ओबीसी बहुल वार्ड संख्या 9, 10, 11, और 14 में सबसे ज्यादा मारामारी है। ऐसे में इस बार भाजपा के सामने बागियों की समस्याएं ज्यादा आने वाली हैं। वैसे कांग्रेस भी इस दर्द से दो चार होगी, लेकिन दोनों ही पार्टियों में ये समस्या आएगी। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि दोनों ही पार्टियों के टिकेट लेने की दावेदारी में कम्पनी के लोग भी दावेदारी करते नजर आये।
इन वार्डों पर कम्पनी की नजर
शहर में सभापति बनाने के लिए बना भू माफिया, अवैध निर्माणकर्ताओं, अतिक्रमियों के गठजोड़ से बनी कम्पनी के उम्मीदवार कई ओबीसी बहुल और ओबीसी के लिए आरक्षित वार्डों के अलावा राजनीतिक रूप से गैर जागरूक लोगों के वार्ड से भी खड़े किये जायेंगे। इनमे वार्ड संख्या 1,2, 3, 9,10,11, 12, 13, 14, 19, 20, 21, 23,24 और 25 पर इनकी विशेष नजर है। शनिवार को कांग्रेस के अलावा रविवार को भाजपा के पर्यवेक्षकों के के सामने भी कंपनी के दावेदार टिकट के लिए पेश हुए।
ये हैं प्रमुख दावेदार
भाजपा से जो प्रमुख दावेदार सामने आये उनमे शंकरसिंह परिहार, सुनील व्यास, मगन मीना, बाबूलाल सगरवंशी, सरेश सगरवंशी, गोविन्द माली, ताराराम माली, भूभाराम माली, दमयंती डाबी, धनपत सिंह, मंजू प्रजापत, जितेन्द्र खत्री आदि शामिल थे। नगर परिषद् चुनावों के दौरान वर्तमान बोर्ड के भ्रष्टाचार से आजिज शहरवासियो के मानस को भांपते हुए कांग्रेस इस बार नये चेहरों पर दाव खेलने के मानस में हैं ऐसे में भाजपा को भी वर्तमान बोर्ड या भूतपूर्व पार्षदों पर दाव लगाने से पहले ऐसे पार्षदों की जीत की संभावनाओं को भी टटोलना होगा, जीत के लिए भाजपा को यहाँ केंद्रीय नेतृत्व की तरह वर्जनाओं को तोड़ते हुए स्थापित नेताओं को दरकिनार करते हुए नये और जुझारू चेहरे को सामने लाना होगा।