रामगढ। सीसीएल के कुजू कोलियरी की बंद पड़ी भूमिगत खदान के 11 सुंरगों में लगी आग ने विकराल रूप धारण कर लिया है। आग की 50 फुट उंची लपटें उठ रही हैं। इसके साथ ही उठ रहे धुएं के गुब्बार से लोगों का स्वांस लेना भी मुश्किल हो गया है।
आग से पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है और रांची-पटना फोरलेन पर भी खतरा मंडराने लगा है। इस आग से एक दर्जन से अधिक गांव के लोग प्रभावित हैं। आग पर काबू पाने के लिए सीसीएल प्रबंधन द्वारा ओबी डालने का काम प्रारंभ कर दिया गया है।
बुधवार को उपायुक्त ए दोडडे, एसपी डॉ. एम तामिलवाणन, एसडीपीओ दीपक कुमार सहित सीसीएल मुख्यालय रांची की आईएसओ टीम ने स्थल का निरीक्षण किया। सीसीएल मुख्यालय से आयी टीम ने कोयला को बचाने के लिए सीसीएल कुजू के जीएम को आवष्यक दिशा-निर्देश दिए।
उपायुक्त ए दोडडे ने जीएम एके चौबे से अगलगी के संबंध में जानकारी ली। जीएम से सुरंग के बारे में चर्चा की। जीएम ने बताया कि फिलहाल रांची-पटना फोरलेन को कोई खतरा नहीं है। डीसी ने पास के धौडा (बस्ती) 10 और 9 नंबर की स्थिति का जायजा लेने के बाद वहां मौजूद सीओ रविंद्र कुमार को अविलंब दोनों धौड़ा को खाली कर लोगों को अन्यत्र जगहों पर बसाने का निर्देश दिया।
पास के खदानों पर मंडराया खतरा
जहां से आग की लपटे निकल रही है। उसके नीचे सीसीएल की दो भूमिगत खदानों केे 7 और 8 नंबर की सीम चल रही है। जबकि एक अन्य 9 नंबर सीम बंद पड़ी है। आग से तीनों खदान का कोयला खाक होने की संभावना बढ़ गई है।