इलाहाबाद। गरीबी व पिता की मौत से परेशान पड़ोसी जनपद कौशाम्बी के एक किशोर ने विगत दिनों आग लगा ली थी जिसकी गुरूवार की शाम उपचार के दौरान मौत हो गई।
परिवार की माली हालत इतनी खराब कि उसकी विधवा मां के पास बेटे के कफन तक के लिए पैसे नसीम हुए। हालात देख स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय परिसर के आस-पास के दुकानदारों ने चंदा करके उसके शव को उसके पैतृक गांव भेजा।
बतादें कि कौशाम्बी जिले के मोहब्बतपुर पैंइसा थाना क्षेत्र के बड़ी उदहिन गांव के निवासी छेद्दू 16वर्ष पुत्र स्वर्गीय राजाराम बहुत ही गरीब था। वह अपनी विधवा मां निर्माला देवी के साथ रहता था।
बताया जा रहा है कि उसकी पिता रामाराम की डेढ़ माह पहले अचानक मौत हो गई। जिससे उसके परिवार में कोई कमाने वाला नहीं रहा गया। उसकी मां निर्माला को बस एक आस बची थी कि किसी तरह मजदूरी करके बेटे छेद्दू के साथ जीवन बसर करूगी।
लेकिन परिवार की इतनी मालत खराब थी वह भुखमरी की कगार पर पहुंच गई। उसका इकलौता बेटा छेद्दू परिवार की पीड़ा बर्दाश्त नहीं कर सका। उसने गत दिनों घर में ही आग लगा ली।
हालांकि आस-पास के लोगों ने आग पर काबू पा लिया और उसे उपचार के लिए पहले जिला चिकित्सालय कौशाम्बी में दाखिल करा दिया। हालत नाजुक होने की वजह से उसे चिकित्सकों ने स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय के लिए भेज दिया।
किसी तरह विधवा निर्मला बेटे को लेकर स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय पहुंची जहां उसे एक आशा थी कि उसके लाल को डाक्टर बचा लेंगे। लेकिन उपचार के दौरान गुरूवार की रात मौत हो गई। शव को चिकित्सकों ने अन्त्य परीक्षण के लिए भेज दिया।
पुलिस ने पंचनामा की कार्यवाही करते हुए कागज चीरघर भेज दिया। लेकिन हालत उसके इतने खराब थे कि उसके पास बेटे के कफन के लिए भी पैसे नहीं थे।
यह जानकारी होते ही अस्पताल परिसर के बाहर व अन्दर स्थित दुकानदारों में सुशीला मेडिकल स्टोर के स्वामी और खोमचे वाले दुकानदार रविन्द्र सिंह, राहुल, श्याम बाबू, प्रदीप कुमार सहित कई अन्य लोगों ने चंदा एकत्र किया और उसके शव को उसके पैतृक गांव ले जाने का प्रबन्ध किया। जिसके बाद वह अपने बेटे का शव लेकर किसी तरह अपने गांव जा सकी।