जयपुर। प्रसिद्ध लेाक और बेस्ट सेलिंग ‘द नंबर वन लेडीज डिटेक्टिव एजेंसी’ उपन्यास श्रृंखला के लेाक एलेक्जेंडर मैक्कॉल स्मिथ ने कहा कि वह वास्तव में अपराध पर लिखने वाले लेखक नहीं हैं बल्कि इसकी बजाए लोकप्रिय भारतीय लेखक आर के नारायण से प्रेरणा पाते हैं।
ब्रिटिश लेखक ने कहा कि नारायण ने अपने अनोखे किरदारों के लिए एक छोटी, आत्म नियंत्रित दुनिया बनाई थी जिसने उन्हें उन किरदारों के सनकीपन और समस्याओं को तलाशने का एक रास्ता दिया था।
उन्होंने कहा कि मैं वास्तव में खुद को अपराध पर लिखने वाला लेखक नहीं मानता। लोग ऐसा मानते हैं क्योंकि मेरी किताबें बोत्सवाना की पृष्ठाूमि में हैं और अपराधों की गुत्थी सुलझाने वाली एक महिला के बारे में हैं।
स्मिथ ने यहां चल रहे जयपुर साहित्य महोत्सव में हिस्सा लेते हुए यह बात कही। ब्रिटिश लेखक ने नारायण को अपने साहित्यिक नायकों में से एक बताते हुए कहा कि भारतीय लेाक की किताबें अपने सार्वभौमिक मूल्यों के कारण समय की कसौटी पर खरी उतरीं।
उन्होंने कहा कि मैं आरके नारायण और उनके काम से बहुत प्रभावित हूं। वह मेरे साहित्यिक नायकों में से एक हैं और मुझे लगता है कि वह एक शानदार लेखक हैं। उनकी किताबें समय की कसौटी पर खरी उतरी हैं और उनकी चमक फीकी नहीं पड़ी है। वे सार्वाौमिक हैं।
स्मिथ ने साथ ही ऐसे समय में हास्य लिखने के खतरों की बात की, जब लोग काफी जल्दी बुरा मान जाते हैं। उन्होंने कहा कि एक लेाक के तौर पर आप वास्तव में कभी भी लोगों को आहत नहीं करना चाहते। शब्द काफी तकलीफ पहुंचा सकते हैं।
सौम्य हास्य और कठोर हास्य में अंतर होता है और मैं निश्चित रूप से कठोर हास्य का कारण नहीं बनना चाहूंगा। स्मिथ ने कहा कि साथ ही लोगों को भी इतनी जल्दी आहत नहीं होना चाहिए। लेखक ने कहा कि ऐसा होता है तो कोई हास्य ही नहीं बचेगा। तब आप कुछ भी आसानी से नहीं लिख पाएंगे और दुनिया बहुत ही उबाउ जगह होगी।