जयपुर। विश्व के सबसे बड़े साहित्यिक महाकुंभ, जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में कोटपा (केन्द्रीय धूम्रपान प्रतिषेध अधिनियम) का खुलेआम मखौल उड़ाया जा रहा है। सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू निषेध की सूचना के बोर्ड नहीं लगे होने की वजह से सुबह से शाम तक कई लोगों को धुएं के छल्ले उड़ाते देखा जा सकता है।
राजस्थान वालंटरी हैल्थ एसोशियन के निदेशक सत्येन चतुर्वेदी ने आरोप लगाया कि कोटपा कानून की अवेहलना के चलते परिसर में धूम्रपान नहीं करने वाले लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन सार्वजनिक है, इसलिए यहां पर धूम्रपान वर्जित क्षेत्र पहले से घोषित करते हुए आवश्यक चेतावनी के बोर्ड लगाने चाहिए थे। लेकिन प्रशासन और आयोजनकर्ताओं ने इस दिशा में सोचना भी मुनासिब नहीं समझा।
उन्होंने कहा कि जो विदेशी अपने देश में कानून की कठोरता से पालना करते है, वे हमारे देश में आकार हमारे यहां के कानूनों का मखौल उड़ा रहे हैं। ऐसा सूचना नहीं लिखने के कारण हो रहा है। लिटरेचर फेस्टिवल में तंबाकू निषेध के चेतावनी बोर्ड लगाए जाते तो शायद कोटपा कानून की ठीक तरह से पालना होती और तंबाकू का सेवन नहीं करने वाले लोगों को परेशानी से बचाया जा सकता था।
चतुर्वेदी ने कहा कि प्रशासन और आयोजकों को भविष्य में ऐसे बड़े स्तर के आयोजनों में कोटपा कानून की गाइड लाइन का सख्ती से पालन करवाना चाहिए।