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शहीद होने वाले अमर हो जाते हैं : संतोष अहलावत - Sabguru News
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शहीद होने वाले अमर हो जाते हैं : संतोष अहलावत

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शहीद होने वाले अमर हो जाते हैं : संतोष अहलावत
शहीद सहायक कमांडेट राजेश कपूरिया की प्रतिमा अनावरण के मौके पर मौजूद सांसद संतोष अहलावत एवं अन्य।
santosh ahlawat
शहीद सहायक कमांडेट राजेश कपूरिया की प्रतिमा अनावरण के मौके पर मौजूद सांसद संतोष अहलावत एवं अन्य।

झुंझुनू। सांसद संतोष अहलावत ने कहा है कि देश पर शहीद होने वाले अमर हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि शहीद सहायक कमांडेट राजेश कपूरिया ने देश की सेवा करते हुए सीने पर गोली खाई है। उनकी शहादत को हमेशा याद रखा जाएगा।

उन्होंने कहा कि झुंझुनू की भूमि में वो तासीर है कि बच्चा पैदा होते ही देश हित में बलिदान होने का जज्बा रखता है। इसलिए यहां हर दूसरे गांव में शहीद की सजीव मूर्ति खड़ी है। वे रविवार को नवलगढ़ पंचायत समिति के फतेहसरी ग्राम में शहीद सहायक कमांडेण्ट राजेश कपूरिया के प्रतिमा अनावरण समारोह को सम्बोधित कर रही थीं।

उन्होंने बताया कि कारगिल युद्घ के दौरान ही देश के भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने शहीदों के सम्मान एवं उनके आश्रितों के लिए विशेष पैकेज की घोषणा पहली बार की। उन्होंने कहा कि वे झुंझुनू की वीर प्रसूता भूमि को नमन करती है, जो कपूरिया जैसे जाबाज नौजवान पैदा कर रही है।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए उदयपुरवाटी विधायक शुभकरण चौधरी ने शहीदों की मूर्तियों के स्मारक स्थल को मंन्दिर बताते हुए कहा है कि शहीद किसी भगवान से कम नहीं है इसलिए उसकी मूर्ति को वही मान सम्मान मिले, जो कि एक भगवान की मूर्ति को मिलता है। उन्होंने कहा कि शेखावाटी की धरती में कुछ तो खास बात है, जो सीमा की रक्षा के लिए अगणित कपूरिया पैदा कर रही है।

इस दौरान नवलगढ़ विधायक डॉ. राजकुमार शर्मा ने कहा कि झुंझुनू की धरा को देश में बहुत सम्मान से देखा जाता है क्योंकि सर्वाधिक सैनिक इसी जिले ने देश को दिए हैं। उन्होंने कहा कि यहां के खून में शहादत का जज्बा है, इसलिए नौजवान भारतीय सेनाओं में जाते हैं।

उन्होंने शहीद की मूर्ति के लिए विधायक कोटे से 2 लाख रूपए देने तथा शहीद के नाम पर यहां के राजकीय स्कूल का नामांकरण करवाने की घोषणा भी समारोह के दौरान की। उन्होंने कहा कि देश की 36 कौमों के लोगों की सुरक्षा के लिए कपूरियां ने अपनी जान की बाजी लगा दी।

समारोह के दौरान अतिथियों द्वारा शहीद के पिता बिरजू सिंह कपूरियां, माता परमेश्वरी देवी, शहीद वीरागंना सुमन देवी, शहीद की बेटी पलक, हर्षा तथा बेटे हर्षित को शाल ओढाकर सम्मान भी किया। इस दौरान शहीद लियाकत अली की वीरागंना दौलत बानो तथा श्रीराम गावडिया की वीरागंना घोटी देवी का भी शाल ओढाकर अतिथियों ने सम्मान किया।

कार्यक्रम के दौरान लक्ष्य भारद्वाज तथा तनय भारद्वाज द्वारा कवि हरिओम पंवार की कारगिल युद्व पर लिखी कविता भी पेश की गई, जिसको सुनकर वहां उपस्थित हर व्यक्ति की आंखें नम हो गई। शिक्षक गोवर्धन सैनी ने भी देशभक्ति की कविता पेश कर शहीदों को श्रदांजलि अर्पित की। कार्यक्रम का संचालनत मूलचंद झाझडिया ने किया।

शहीद का परिचय

शहीद सहायक कमांडेण्ट राजेश कपूरिया का जन्म एक सितम्बर 1977 को फौजी बिरजू सिंह कपूरियां के घर हुआ। माता परमेश्वरी देवी का यह बडा बेटा एक मार्च 2003 को फौज में भर्ती हुआ। शहीद कपूरिया की शादी सुमन देवी से हुई हुई, जिनके 12 वर्षीय बेटी पलक, 8 वर्षीय बेटी हर्षा तथा 6 वर्षीय बेटा हर्षित है।

36 वर्षीय कपूरियां एक दिसम्बर को छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के कसालयाड गांव में नक्सलियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए। कपूरियां का छोटा भाई सुभाष कपूरियां भी वर्तमान में देश की सेवा कर रहा है।