नई दिल्ली। 67वें गणतंत्र दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली के राजपथ पर भारतीय गणतंत्र की आन, बान और शान के साथ ही देश की सामरिक और सांस्कृतिक विविधता की झलक को भव्य परेड के माध्यम से पेश किया गया। आपकी बार गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा होलांदे थे।
राजधानी दिल्ली में मंगलवार सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच आम से लेकर खास लोग सुबह से राजपथ के दोनों और जुटने लगे थे। आम जनता में समारोह को लेकर इस कदर जोश था कि वह कड़ाके की ठण्ड के बावजूद बच्चों के साथ परेड देखने के लिए सुबह से क़तार में लगने लगे थे।
लगभग दस बजे शुरू हुए समारोह की शुरूआत राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के आगमन से हुई। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति पर देश के लिए शहीद हुए वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, रक्षा राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे।
राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ शुरू हुए समारोह में राष्ट्रपति मुखर्जी को 21 तोपों की सलामी दी गयी और सैन्य बैंड ने राष्ट्रगान की प्रस्तुति की। समारोह में सबसे पहले वायुसेना के चार एम आई-17 वी-5 होलीकॉप्टर राजपथ पर महज 80 फिट की उॅचाई से गुजरे।
विंग कमांडर आर.के. दुबे के नेतृत्व में वाइन गिलास के आकार में उड़ान भरते हुए आए हेलीकॉप्टर सलामी मंच की ओर आए और पुष्प वर्षा की। इसके बाद शुरू हुई परेड का नेतृत्व दिल्ली क्षेत्र के जनरल आफिसर कमांडिग लेफ्टिनेंट जनरल राजन रविंद्रन ने किया। उनके पीछे परेड के उप-कमांडर मेजर-जनरल राजेश सहाय ने राष्ट्रपति को सलामी दी।
फिर फांसीसी सैनिकों का दस्ता राजपथ पर परेड करता हुआ आया। यह एक ऐतिहासिक क्षण था जब पहली बार किसी अन्य देश के सैन्य दस्ते ने गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लिया।
इसके बाद कैप्टन अनंत राजपुरोहित के नेतृत्व में आए घुड़सवारों के दस्ते ने राष्ट्रपति को सलामी दी। राजपथ पर बैठे लोगों को उस वक्त गर्व का एहसास हुआ, जब सेना के मुख्य युद्धक टैक टी-90 भीष्म, सारथ टैंक, ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली, आकाश हथियार प्रणाली, स्मर्च लांचर व्हीकल, एकीकृत संचार इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली (आईसीईडब्ल्यूएस) एक के बाद एक करके गुजरे और राष्ट्रपति को अपनी सलामी दी।
इसके बाद आकाश में अपनी गर्जना के साथ आए स्वेदश विकसित लड़ाकू हेलीकॉप्टर रूद्र और तीन ध्रुव हेलिकॉप्टर ने राष्ट्रपति को अपनी सलामी दी। राजपथ पर मार्चिंग दस्ते की शुरूआत कैप्टन अमित बिजलवान के नेतृत्व में स्पेशल फ़ोर्स के जवानों ने राष्ट्रपति को सलामी देते हुए निकले।
इसके बाद कोर ऑफ सिग्नल्स, पैरा रेजिमेंटल सेंटर और एसटीसी का संयुक्त बैंड, राजपूत रेजिमेंट, गढवाल राइफल्स, असम रेजिमेंट, गढ़वाल राइफल रेजिमेंटल एवं कुमायूं रेजिमेंटल सेंटर का सयुक्त बैंड, वेटेरनरी कोर का श्वान दस्ता, नौसेना का मार्चिंग दस्ता, वायु सेना का मार्चिंग दस्ता, सीमा सुरक्षा बल का मार्चिंग दस्ता और ऊंट दस्ता, असम राइफल्स का दस्ता, तटरक्षक बल का मार्चिंग दस्ता, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का मार्चिंग दस्ता, रेलवे सुरक्षा बल का मार्चिंग दस्ता, दिल्ली पुलिस का मार्चिंग दस्ता, एनसीसी के सीनियर डिवीजन के कैडेटों का मार्चिंग दस्ता, एनसीसी के सीनियर डिवीजन की लड़कियों का मार्चिंग दस्ता, राष्ट्रीय सेवा योजना का मार्चिंग दस्ता अपने-अपने बैंड के साथ राष्ट्रपति को सलामी देते हुए राजपथ से गुजरे।
फिर आई झाकियों की बारी। गोवा, गुजरात, सिक्किम, जम्मू एवं कश्मीर, राजस्थान, चंडीगढ़, त्रिपुरा, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, कर्नाटर, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, असम के साथ ही भारतीय नौसेना, वायुसेना और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन की झाकियों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
परेड में केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय, संचार एवं सूचना प्रौद्घोगिकी मंत्रालय, भारत निर्वाचन आयोग, पंचायती राज मंत्रालय की झाकियों के माध्यम से अपनी और सरकार की उपलब्धियां प्रदर्शित की।
परेड में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किए गए। दिल्ली स्थित शिक्षा भारती पब्लिक स्कूल, सर्वोदय कन्या विद्यालय, राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय गांधी नगर, महाराष्ट्र के दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के बच्चों ने लोक नृत्य पेश किया।
समारोह में राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार विजेता बच्चों ने भी हिस्सा लिया। यह वो बहादुर बच्चे हैं जिन्होंने धैर्य और सूझ-बूझ के साथ मुसीबत की घड़ी में बहादुरी का प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम का आकर्षण बना मोटर साइकिल पर सवार जांबाज जवानों का दस्ता। एक के बाद एक सेना के जवानों ने जिम्मी, डबल जिम्मी, सिग्नल रॉकेट, अभिमन्यु, श्रद्धांजलि, कमांडो, मरकरी प्राइड, कमल, मानव पिरामिड के फॉरमेशन में भारत की एकता एवं अखंडता का प्रदर्शन किया।
गणतंत्र दिवस समारोह का समापन तीन वायुसेना के विमानों के हैरक अंगेज कलाबाजियों एवं अनूठे करतब के साथ किया गया। इसमें एमआई-35 हेलिकॉप्टर चक्र फॉरमेशन में, तीन सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस विमान हरक्यूलिस फॉरमेशन में, तीन एक सी-17 ग्लोब मास्टर विमान एवं दो सुखोई-30 विमान ग्लोब फॉरमेशन में तथा पांच जगुआर विमान एरोहेड फॉरमेशन में राजपथ से गुजरे। अंत में मौसम विभाग के गुब्बारों ने राजपथ के आसमान को तिरंगे रंग में रंग दिया।
गणतंत्र दिवस समारोह में एक साथ बैठे केजरीवाल एवं जंग
विभिन्न मुददों पर अक्सर एक दूसरे के विरोधी समझे जाने वाले दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान एक साथ बैठे दिखाई दिए। दर्शक दीर्घा में उनके साथ दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और लोक निर्माण विभाग मंत्री सत्येंद्र जैन भी मौजूद थे। इसके अलावा लगातार तीसरी बार ऐसा हुआ है जब गणतंत्र दिवस परेड में दिल्ली की झांकी नहीं निकली। आखिरी बार साल 2013 में गणतंत्र दिवस समारोह में दिल्ली की झांकी दिखाई दी थी।