मुंबई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नारायण राणे ने मंगलवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को सुझाव दिया कि वह महाराष्ट्र से विदर्भ को अलग करने के बारे में बात करना बंद करें, अन्यथा इस्तीफा दे दें।…
राणे ने सख्त लहजे में कहा कि फडणवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं। उन्हें अलग विदर्भ के बारे में बात नहीं करनी चाहिए। यदि वह राज्य को विभाजित करना चाहते हैं तो पहले वह पद से इस्तीफा दें और उसके बाद अलग विदर्भ के बारे में बात करें। भाजपा की नवगठित अल्पमत सरकार पर हमला करते हुए राण ने कहा कि फडणवीस सरकार विफल हो जाएगी।
उन्होंने मीडिया से कहा कि फडणवीस एक ईमानदार, समझदार व्यक्ति हैं, लेकिन उनके पास प्रशासनिक अनुभव नहीं है। उनके मंत्रिमंडल में एकनाथ खड़से जैसे अनुभवी लोगों का अभाव है। मंत्रालय कोई प्रभाव नहीं छोड़ पाया है और ऎसा नहीं लगता कि यह सरकार जनता की आकांक्षाएं पूरी कर पाएगी।
राज्य में पथकर समाप्त करने के संवेदनशील मुद्दे पर फडणवीस द्वारा हाल में पलटा खाने का जिक्र करते हुए राणे ने कहा कि सरकार लगातार नरेंद्र मोदी-अमित शाह के प्रभाव में रहेगी और स्वतंत्र रूप से कोई निर्णय नहीं ले पाएगी।
राणे ने कहा कि चुनाव पूर्व उन्होंने पथकर समाप्त करने का वादा किया था, अब वह पलट गए… इससे भाजपा की वास्तिवित स्थिति सामने आ गई है कि मोदी-शाह की मंजूरी बगैर फडणवीस कोई काम नहीं कर पाएंगे। वह सिर्फ नाम मात्र के मुख्यमंत्री रहेंगे… और जिस अच्छे दिन के वादा किया गया है, वह कभी नहीं आएगा।