कोलकाता। विधानसभा चुनाव में अब दो माह से भी कम समय बचा है। ऐसे में राज्य सरकार की तरफ ग्रुप डी पदों पर 60 हजार कर्मियों की नियुक्ति संबंधी अधिसूचना जारी किए जाने पर विपक्ष ने कडी प्रतिक्रिया जताई है। विपक्ष ने सरकार के इस फैसले को चुनावी स्टंट करार दिया है।
गौरतलब है कि सरकार ने पिछले साल जून में ही ग्रुप डी पदों पर नियुक्ति की घोषणा की थी लेकिन ढांचागत सुविधाओँ के अभाव को देखते हुए यह तय हुआ था कि नियुक्ति की प्रक्रिया चुनाव के बाद शुरू की जाएगी लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से मिली फटकार के बाद संबंधित विभाग ने आनन-फानन में नियुक्ति के लिए अधिसूचना जारी कर दी।
अब विपक्ष यह सवाल उठा रहा है कि जो काम सात महीने में नहीं हो सका वह चुनाव से पहले कैसे हो पाएगा? इससे पहले सरकार ने नियुक्ति के लिए रिक्रूटमेंट बोर्ड गठित करने का फैसला किया था। बोर्ड गठन में लगभग पांच महीने के समय लग गया।
नवंबर में बोर्ड गठित हो गया लेकिन अन्य आवश्यक संशाधनो की कमी के चलते चुनाव के बाद भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया गया। गत 19 जनवरी को सभी विभागों व जिलाधिकारियों को पत्र भेज कर रिक्त पदों के बारे में जानकारी मांगी गई।
इसी बीच गत सप्ताह प्रशासनिक बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नियुक्ति प्रक्रिया स्थगित होने की जानकारी दी गई। चुनाव के बाद भर्ती किए जाने के फैसले पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताई। ममता की फटकार का तत्काल असर हुआ और आनन-फानन में संवाद माध्यमों में भर्ती संबंधी विज्ञापन प्रकाशित करवा दिया गया।
ढांचागत सुविधाओँ की कमी की वजह से आनलाईन भर्ती की जाएगा। अब विपक्ष यह सवाल उठा रहा है कि आखिर सरकार भर्ती को लेकर इतनी व्यग्र क्यों हो रही है? आरोप यह भी है कि चुनाव की वजह से सरकार भर्ती में जल्दबाजी कर रही है।