हरिद्वार। देश व दुनिया में बढ़ रहे इस्लामिक जेहाद पर संतों का चुप रहना शर्मनाक है। जेहाद का बढ़ता दायरा हिन्दुओं के लिए भयावह साबित होगा। देश व दुनिया में इस्लामिक जेहाद खत्म होने से कई समस्याओं का समाधान हो जाएगा।
उक्त बातें डासना स्थित काली मंदिर के महंत स्वामी नरसिंहानंद सरस्वती महाराज ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से इस्लामिक जेहाद पर हरिद्वार में आगामी 5 व 6 मार्च को होने वाली धर्म संसद के संबंध में जानकारी देते हुए कही।
सरस्वती ने कहा कि आज हिन्दू को बेवजह परेशान व प्रताड़ित करने का कार्य किया जा रहा है। निर्दोष साध्वी प्रज्ञा भारती व कमलेश त्रिपाठी को जेल में डालना इस बात का प्रमाण है कि हिन्दू हित की बात करने वालों के लिए जेल के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं है।
उन्होंने कहा कि सात साल बाद भी साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ पुलिस चार्ज सीट दाखिल नहीं कर पाई और न ही उनकी जमानत हुई। उक्त संबंध में सुप्रीम कोर्ट भी अपनी टिप्पणी कर चुका है। बावजूद इसके साध्वी को जमानत न मिलना हिन्दू होने की सजा है।
कहा कि साध्वी की पैरवी के लिए स्वामी अच्युतानंद तीर्थ की ओर से वकील खड़ा किया जाएगा तथा धर्म संसद के बाद वे उनसे जेल में जाकर मिलेंगे। हिन्दुओं की कम होती संख्या पर सरस्वती ने कहा कि हिन्दू अधिक से अधिक बच्चे पैदा करें। यदि वे ऐसा नहीं करते तो एक दिन देश में वह अल्पसंख्यक बनकर रह जाएंगे और उनका अपने ही देश में जीना मुश्किल हो जाएगा। कहा कि हिन्दू बच्चे पैदा कर संतों को दें। जिनकी शिक्षा व लालन-पालन की जिम्मेदारी संत उठायेंगे।
कहा कि वे इस्लाम के कतई खिलाफ नहीं हैं, किन्तु जिस प्रकार से जेहाद फैलाया जा रहा है वे उसके हमेशा से खिलाफ हैं। उन्होंने बताया कि कारगिल युद्ध के बाद दुश्मन देश से अप्रत्यक्ष लड़ाई में हमारे बीस हजार जवान शहीद हो चुके हैं, किन्तु वोट बैंक की राजनीति के चलते कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। सरस्वती ने कहा कि धर्म ससंद में उक्त सभी मुद्दों पर विस्तृत रूप से चर्चा होगी।
उन्होंने कहा कि धर्म संसद में देश के कोने-कोने से संत उपस्थित होंगे जिनमें से करीब 100 संतों की स्वीकृति मिल चुकी है। प्रेसवार्ता के दौरान बाबा परमेन्द्र आर्य, पं. अधीर कौशिक, बाॅबी त्यागी, आर्यन उपाध्याय आदि उपस्थित थे।