भोपाल। मध्य प्रदेश के बहुचर्चित घोटाले व्यापम (व्यावसायिक परीक्षा मंडल) फर्जीवाड़ा मामले में सीबीआई ने छह महीने बाद पहली गिरफ्तारी की है। मंगलवार को सीबीआई ने आरक्षक भर्ती परीक्षा-2012 मामले में आरोपी दलाल अनिल कुमार शाह को पेश किया।
कोर्ट में दी गई अर्जी में सीबीआई की ओर से स्वयं ही आरोपी को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का निवेदन किया गया। विशेष न्यायाधीश भूपेन्द्र कुमार सिंह ने सीबीआई की अर्जी को स्वीकार कर आरोपी को जेल भेज दिया।
गौरतलब है कि आरक्षक भर्ती परीक्षा में दलाल की भूमिका निभाने वाले जगत नारायण रोड, पटना, बिहार निवासी अनिल कुमार शाह लम्बे समय से फरार घोषित था। उस पर 3 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था साथ कोर्ट ने उसकी संपत्ति कुर्क किए जाने के आदेश भी दिए थे।
जुलाई, 2015 को सुप्रीम कोर्ट ने व्यापमं मामलों की जांच का काम सीबीआई को सौंप दिया था। विगत छह महीने से व्यापमं मामलों की जांच में जुटी सीबीआई ने इस दरमियान एक भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की थी। यह पहला आरोपी है, जिसे गिरफ्तार किया गया, लेकिन उससे भी आसानी से न्यायिक हिरासत में जाने दिया गया।
इसी मामले में एसटीएफ ने 14 मार्च, 2014 को अविनाश जयंत, राजेश प्रजापति, लोकेन्द्र धाकड़ को गिरफ्तार कर सीजेएम कोर्ट में पेश किया था। सीजेएम कोर्ट ने तीनों आरोपियों को 24 मार्च तक पुलिस रिमांड पर सौंपा था।
मामले में इसके बाद दर्जनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था जिन्हें एसटीएफ ने पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड पर लिया था। इसके विपरीत सीबीआई ने अपने पहले आरोपी की गिरफ्तारी पर भी पुलिस रिमांड लेना उचित नहीं समझा।