लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जहां अपने द्वारा पेश किए गए बजट को संतुलित विकास वाला बताया है वहीं विपक्ष ने इसे निराशाजनक बजट की संज्ञा दी है।
बसपा, भाजपा, कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल का कहना है कि इस बजट से नए रोजगार अवसरों की संभावना नहीं हैं। बजट ने किसानों, युवओं और बेरोजगारों के सपने को चकना चूर कर दिया हैं।
विधानसभा में नेता विरोधी दल व बसपा के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा सरकार के बजट को जनविरोधी बताया है। उन्होंने कहा कि बजट में गांव, गरीब, मजदूर, किसान, दलित, पिछड़े व अल्पसंख्यक समाज के साथ-साथ बेसिक शिक्षा, स्वास्थ्य तथा युवाओं की घोर उपेक्षा की गई है।
मौर्य ने कहा कि सरकार ने बुन्देलखण्ड के नाम पर ढिढोरा बहुत पीटा लेकिन बजट में वहां की परेशान जनता के आंसू पोंछने के लिए तात्कालिक या दीर्घकालीन योजना का कोई आर्थिक संकल्प नहीं है।
भाजपा विधानमण्डल दल के नेता सुरेश खन्ना का कहना है कि बजट में न तो कानून व्यवस्था सुधारने और न ही भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की कोई व्यवस्था की गई है।
इसी तरह खाद्य सुरक्षा कानून के अंतर्गत गरीबों को समुचित ढंग से खाद्यान्न की सुविधा दिलाने का संकल्प इसमें नहीं है, बल्कि अनाज न होते हुए कृषि मण्डियों को सुदृढ़ करने और नई मण्डियों के निर्माण की बात कही गई है।
अंत्येष्टि स्थल के लिए 100 करोड़ तथा कब्रिस्तानों के लिए 400 करोड़ की व्यवस्था को उन्होंने भेदभावपूर्ण बताया है।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि वित्तमंत्री के रूप में मुख्यमंत्री अखिलेश ने लोगों का भरोसा तोड़ा है। उन्होंने कहा कि सरकार पुराना बजट पूरा खर्च नहीं कर पाई। इसके बावजूद दोबारा उसी के लिए बजट लिया है, जो पूरी तरह से सरकार की असफलता दिखाता है।
कांग्रेस विधानमण्डल दल के नेता प्रदीप माथुर ने कहा कि इस बजट ने आम जनता और किसानों को निराश किया है। उन्होंने कहा कि बजट में पेयजल के लिए भी आर्थिक प्रावधान नहीं हैं। सिंचाई सुनिश्चित करने और सिचिंत कृषि क्षेत्र बढ़ाने के लिए भी संतोशजनक बजट प्रावधान नहीं हैं। अवैध खनन को रोकने के लिए कोई व्यवस्था नहीं।
कांग्रेस प्रवक्ता जीशान ने भी बजट को पूरी तरह से किसान विरोधी बताया है। कहते हैं कि चुनावी साल में भी लोगों को बजट से निराशा ही मिली।
राष्ट्रीय लोकदल ने भी इस बजट को निराशाजनक बताया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चैहान ने कहा कि सपा सरकार का यह बजट जनता के साथ छलावा है। सरकार ने अपने अन्तिम बजट में जनता के लिए कोई ठोस योजनाएं निर्धारित नहीं की हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार किसान वर्ष मना रही है, लेकिन कोई खास राहत नहीं दे रही है। किसानों की तीन-तीन फसलें बर्बाद हो गईं, लेकिन मुआवजा कुछ नहीं मिला। आज पेश किये गये बजट में भी किसानों को छला गया।