मुंबई। पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मुंबई में मेक इन इंडिया वीक का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में स्वीडन के प्रधानमंत्री, फिनलैंड के प्रधानमंत्री और देश-विदेश के अन्य वरिष्ठ गणमान्य मौजूद थे।
मेक इन इंडिया सप्ताह कार्यक्रम के जरिए इस अहम पहल को गति प्रदान करने की कोशिश है और विनिर्माण क्षेत्र में दुनिया के समक्ष देश की उपलब्धियों को दिखाना और इसके माध्यम से भारत को एक पसंदीदा विनिर्माण गंतव्य के तौर पर बढ़ावा देना मकसद है।
इस मौके पर पीएम ने कहा कि इस (बॉम्बे आर्ट्स सोसायटी) ने तीन शताब्दियों को प्रभावित किया है और इसकी वजह है कला की ताकत और उसका संदेश। कला अमीर लोगों की दीवारों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, इसे तो समाज की ताकत बनना चाहिए। कला की कोई उम्र, जाति, क्षेत्र या धर्म नहीं होता। कला शाश्वत है।
कला को समय, नस्ल और धार्मिक बाधाओं से आगे निकलने में सक्षम बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कला को आम आदमी के करीब लाने की वकालत की और साथ ही कहा कि इसका इस्तेमाल ‘स्वच्छ भारत’ जैसे मुद्दों पर सामाजिक संदेश प्रसारित करने के लिए किया जाना चाहिए क्योंकि कला में शब्दों की तुलना में कहीं ज्यादा अपील होती है।
रेलवे प्लेटफार्मों पर पड़े खाली स्थानों का इस्तेमाल नवोदित कलाकारों को उनके कौशल प्रदर्शन करने की अनुमति देकर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसका इस्तेमाल सामाजिक संदेशों के प्रसार के लिए भी किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कला में शब्दों की तुलना में कहीं ज्यादा अपील है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता और साफसफाई के मुद्दे पर किसी भी कला में लोगों द्वारा दिए जा रहे भाषणों की तुलना में ज्यादा अपील होती है।
उन्होंने रचनात्मक कार्यों के ‘डिजिटल प्रतिरूप’ भी विकसित करने की अपील की ताकि भावी पीढ़ियां किसी कलाकृति के सृजन की प्रक्रिया को समझ सकें। ‘स्वच्छ भारत’ पर भाषण देने से बेहतर है कि ऐसी कलाकृतियां बनाई जाएं, जो लोगों को भारत को स्वच्छ रखने के लिए प्रेरित करें।
मुंबई में शुरू हुए ‘मेक इन इंडिया अभियान’ सप्ताह में ऑस्ट्रेलिया भी हिस्सा ले रहा है। इस अभियान में भाग लेने वाले तीस सरकारों के प्रतिनिधिमंडल और व्यापार जगत के नेता कई क्षेत्रों में ऑस्ट्रेलियाई विशेषज्ञता की एक श्रृंखला का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
इस संबंध में ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त क्रिस एल्सटोफ्ट ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया का ‘मेक इन इंडिया’ सप्ताह में भाग लेना एक महत्वपूर्ण कदम है जो दोनों देशों के लिए व्यापार के अवसरों को बढ़ावा देने में मदद करेगी।
उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई व्यापार के विभिन्न क्षेत्रों का अभियान में भाग लेना भारत के ‘मेक इन इंडिया’ सपने को पूरा करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई दौरे के दौरान सुझाव दिया कि भारत के हर एक राष्ट्र को मेक इन इंडिया से जोड़ना उनकी प्राथमिकता है। वह ऑस्ट्रेलिया को एक प्राकृतिक भागीदार के रूप में देखते हैं। यह भारतीय प्राथमिकताओं और ऑस्ट्रेलियाई क्षमता के बीच प्रतिनिधिमंडल का प्रतीक है।
18 फरवरी तक चलने वाले इस अभियान में ऑस्ट्रेलिया ऊर्जा सहित संसाधनों और पानी, औद्योगिक डिजाइन, बुनियादी ढांचे के निवेश, दवा अनुसंधान, कृषि व्यवसाय, विनिर्माण आदानों के लिए धातु रीसाइक्लिंग और कृषि व्यवसाय के विभिन्न सेक्टरों का प्रतिनिधित्व करेगा।
इस अभियान के दौरान ऑस्ट्रेलिया अपनी दो बड़ी कंपनियों रियो टिंटो और वुडसाइड को पेश करेगा जबकि अन्य प्रतिभागी औद्योगिक डिजाइन विशेषज्ञ मार्क वाटसन स्मार्ट शहरों और यस बैंक ऑस्ट्रेलिया के साथ साझेदारी के लाभों पर चर्चा करेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के चल रहे सफल कार्यक्रम ‘मेक इन इंडिया’ से भारत के विनिर्माण क्षेत्र को बल मिलेगा और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का प्रोत्साहन प्रदान करेगा।
ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त ने कहा कि वर्ष 2015-16 के लिए 7.6 प्रतिशत की वृद्धि दर के अनुमान के साथ भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
‘मेक इन इंडिया अभियान’ सप्ताह में ऑस्ट्रेलिया का शामिल होना, ऑस्ट्रेलियाई व्यापार विश्वास का सबूत है जो भारत के साथ व्यापार के अवसरों को बढ़ावा देगी।