नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरूत्वाकर्षण किरणों की ऐतिहासिक खोज पर प्रसन्नता व्यक्त की है। प्रधानमंत्री मोदी ने परियोजना में भारतीय वैज्ञानिकों की भूमिका की सराहना भी की।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि गुरूत्वाकर्षण किरणों की ऐतिहासिक खोज से ब्रह्मांड को समझने में एक नई दिशा मिलेगी। इस चुनौतीपूर्ण खोज में भारतीय वैज्ञानिकों के महत्वपूर्ण भूमिका निभाने पर मैं अत्यधिक गर्व महसूस कर रहा हूं। देश में एक विकसित गुरूत्वाकर्षण तरंग अन्वेषक के साथ और अधिक योगदान के लिए आगे बढ़ने की उम्मीद करता हूं।
प्रसिद्ध वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने एक सदी पहले जिन तरंगों के बारे में भविष्यवाणी की थी, उन गुरुत्वाकर्षी तरंगों का पता अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों ने लगा लिया है। वैज्ञानिकों ने इस सफलता को उस क्षण से जोड़ा है, जब गैलीलियो ने ग्रहों को देखने के लिए दूरबीन का सहारा लिया था।
इन तरंगों की खोज ने खगोलविदों को उत्साह से भर दिया है, क्योंकि इससे ब्रह्मांड को समझने के नए रास्ते खुल गए हैं। ये तरंगें ब्रह्मांड में भीषण टक्करों से उत्पन्न हुई थीं। गुरुत्वाकर्षी तरंगों की खोज के लिए महत्वपूर्ण परियोजना में भारतीय वैज्ञानिकों ने डाटा विश्लेषण सहित काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इंस्टिट्यूट ऑफ प्लाजमा रिसर्च गांधीनगर, इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनामी एंड एस्ट्रोफिजिक्स (आईयूसीएए( पुणे और राजारमन सेंटर फॉर एडवांस्ड टेक्नोलाजी इंदौर सहित कई संस्थान इस परियोजना से जुड़े थे।
गुरुत्वाकर्षी तरंगों की खोज की घोषणा आईयूसीएए पुणे और वाशिंगटन डीसी, अमरीका में वैज्ञानिकों ने समानांतर रूप से की। भारत उन देशों में से भी एक है, जहां गुरुत्वाकर्षण प्रयोगशाला स्थापित की जा रही है।