इलाहाबाद। इलाहाबाद जिले के मेजा थाना क्षेत्र के करदहा गांव में बीए की छात्रा को दुष्कर्म और जलाकर मारने की कोशिश करने वाले फरार दो अपराधियों की गिरफ्तारी पुलिस तेरह दिन बाद भी नहीं कर सकी। जबकि पीडि़त छात्रा उपचार के दौरान शुक्रवार की रात मौत हो गई।
शुक्रवार को उसके शव का दो डाक्टरों की टीम ने वीडियोग्राफी के साथ अन्त्य परीक्षण किया गया और उसकी मौत की वजह संदिग्ध होने की वजह से विसरा एवं दुष्कर्म की आशंका से विजैना स्वाब जांच के लिए भेजा गया।
बतादें कि उक्त थाना क्षेत्र के करदहा गांव के निवासी रामराज नैनी क्षेत्र में रहकर गन्ने की जूस निकलाने का काम करके किसी तरह परिवार का भरण-पोषण करता है और वहीं रहता भी। उसकी बीए प्रथम वर्ष की छात्रा 17 वर्षीय बेटी 26 जनवरी पर अपने परिवार के साथ गांव गई थी।
जहां 31 जनवरी की रात उसकी बेटी के मोबाइल पर पूरा थाना मेजा निवासी प्रशान्त पुत्र रामराज लक्षमन का का फोन आया तो वह कमला बात-बात करते घर से बाहर निकल गई। इस बीच बाइक सवार दो नकाब पोश युवक आए और उससे जबरन दुष्कर्म करने लगे और जब उसने शोर मचाने की कोशिश की तो उस पर ज्लन्तशील पदार्थ डालकर आग लगा दी और वहां से भाग निकले।
इस बीच चीख सुनकर आस-पास के लोग पहुंचे और किसी तरह आग पर काबू पाने के बाद पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पहुंची पुलिस उसे पहले सीएचसी मेजा ले गई। उसके बाद वहां से उसे चिकित्सकों ने उसे मोतीलाल नेहरू चिकित्सालय भेज दिया। जहां उसका उपचार चल रहा था।
हालांकि इस दौरान पीडि़त छात्रा के परिजनों ने थाने में तहरीर दी। पुलिस ने 28/16 धारा 307, 504, 506 आईपीसी के तहत दर्ज किया। मामले की जांच शुरू कर दी। मामला पेचिदा था लेकिन न तो मेजा पुलिस ने और न ही मोतीलाल नेहरू जिला चिकित्सालय के जिम्मेदार चिकित्सकों ने उसके बयान कराने में काफी देर कर दिया।
इसके पीछे पुलिस की मंशा क्या थी, वह तो पुलिस ही वहीं बता सकती है। लेकिन चिकित्सक कैसे गैर जिम्मेदार हो गए। वारदात के आठ दिन बाद पीडि़त छात्रा का मजिस्ट्रेटी बयान कराया गया। हालांकि उपचार के दौरान जीवन व मौत के बीच संघर्ष कर रही छात्रा की शुक्रवार की रात स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में मौत हो गई। शव को चिकित्सकों ने अन्त्य परीक्षण के लिए भेज दिया।
परिजनों कहना है कि मेजा पुलिस वारदात के आठ दिन बाद भी छात्रा से दुष्कर्म करने एवं जान से मारने की कोशिश करने वाले दो नकाब पोश युवकों का कोई सुराग नहीं लगा सकी और न ही पीडि़ता की मोबाइल पर अन्तिम काल करने वाले युवक के खिलाफ ही कोई कारवाई कर सकी।
उन्हें आशंका है कि मेजा पुलिस दबाव में आकर पूरे मामले को जबरन ठंडे बस्ते में डालना चाह रही है। मृतका के परिजनों ने बताया इस वारदात के बाद पता चला है कि इस वारदात में एक पड़ोसी युवक सहित तीन लोगों ने वारदात को अंजाम दिया है। लेकिन पुलिस अबतक एक भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया।