गुवाहाटी। असम में विधानसभा चुनावों की तिथियों की कभी भी घोषणा हो सकती है। ऐसे में राजनीतिक पार्टियां चुनाव प्रचार में पूरे जोरशोर से जुट गई हैं।
राज्य में लोकसभा चुनावों में राज्य की 14 में से 7 सीटें प्राप्त कर भाजपा की शक्ति सबको दिखाई देने लगी है। भाजपा इस बार के चुनावों में सरकार बनाने के लक्ष्य को निर्धारित कर अपने प्रचार अभियान और रणनीतियों को तैयार कर रही है।
भाजपा चुनावों पूर्व राज्य के छोटे-छोटे दलों के साथ गठबंधन करने की फिराक में है। इस कड़ी में बीपीएफ के साथ जहां गठबंधन हो गया है वहीं अगप के साथ वार्ता अंतिम दौर में है।
अगप के साथ गठबंधन की सुगबुहाट देख राज्य के कई इलाकों में भाजपा समर्थकों में नाराजगी देखी जा रही है। अगप के साथ गठबंधन का विरोध करते हुए रविवार को कई विस क्षेत्रों के टिकटों के दावेदार अपने समर्थकों के साथ कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। इसी मुद्दे को लेकर बीते शनिवार को भी कई विस क्षेत्रों में भाजपा समर्थकों ने उग्र प्रदर्शन किया था।
भाजपा समर्थकों का कहना है कि असम गण परिषद का अस्तित्व वर्तमान समय में समाप्त हो चुका है। ऐसे में उसके साथ गठबंधन करने से पार्टी को कुछ भी फायदा नहीं होने वाला है। समर्थकों का कहना है कि भाजपा को अकेले चुनाव में उतरना चाहिए।
भाजपा समर्थकों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेतों ने इस मुद्दे पर चर्चा भी की, लेकिन परिणाम क्या निकला इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।
हालांकि अभी तक पार्टी ने अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं की है। ऐसे में भाजपा समर्थकों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शनों को दबाव की राजनीति के रूप में देखा जा रहा है।